जहां जाऊं, वहां दिल से सेवा करूं

चंडीगढ़ डिफेंस अकादमी पहुंचे लेफ्टिनेंट अर्जित गोयल ने कही दिल की बात

चंडीगढ़   – जहां जाऊं वहां दिल से सेवा करूं। देश के लिए सेवा करना ही मेरा धर्म है। यह कहना है पांच गोरखा राइफल्स में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन लेने वाले अर्जित गोयल का। कमीशन लेने के बाद अर्जित चंडीगढ़ सेक्टर.36 स्थित चंडीगढ़ डिफेंस अकादमी में पहुंचे और अकादमी के बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किए। अर्जित ने कहा कि आर्मी ज्वाइन करने का मकसद अपने देश की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एसएसबी का पहला प्रयास किया लेकिन उसमें उनकी रैंक कम थी। इसके बाद दोबारा प्रयास किया और उसमें उनको सफलता मिल गई। उनको सीधे नेशनल डिफेंस अकादमी में प्रवेश मिला। इसके बाद आईएमए की एक साल की ट्रेनिंग के बाद उनको पोस्टिंग मिल गई। अर्जित ने कहा कि उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान सेना के अऩुशासन और कठिन परिश्रम को सीखा। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान वह पांच घंटे सोते थे। उन्होंने कहा कि सेना के अनुशासन की बात ही एकदम निराली है। ऐसा अऩुशासन यदि लोगों के जीवन में आ जाए तो बात बन जाएगी। अर्जित के साथ उनके पिता विकास गोयल भी मौजूद थे। अर्जित के पिता ने कहा कि उनका बेटा चाहता था कि वह सेना में जाए तो पूरे परिवार ने उसकी पूरी मदद की। इस मौके पर मौजूद चंडीगढ़ डिफेंस अकादमी की वंदना बख्शी ने बताया कि जब से अर्जित यहां आया तभी से उसमें लगन काफी देखने को मिलती थी। वह कुछ न कुछ नया करने का चाहत रखता था। अर्जित ने कहा कि सेना को युवा अभी भी पसंद करते हैं और जाना चाहते हैं पर ऐसा लगता है कि सेना के प्रति अवेयरनेस काफी कम है जिसकी वजह से बच्चों तक सही जानकारी नहीं पहुंच पाती है।