जेन कहानियां : सच्चा स्वरूप

By: Dec 21st, 2019 12:25 am

एक जेन गुरु के पास किसी युवा साधक ने आकर कहा, मैं अपने सच्चे स्वरूप की पहचान करना चाहता हूं। जेन गुरु कुछ नहीं बोले, अलबत्ता, उसकी बात पर ध्यान ही नहीं दिया। वह बार-बार आग्रह करता रहा, पर गुरुजी चुप्पी लगाए रहे। थक हार कर वह लौटने लगा, तो उन्होंने उसे जोर से पुकारा, सुनो। साधक ने एकदम चौंक कर पीछे देखा। हां, बस यही जेन गुरु ने कहा।

 


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