टीबी से हर साल 550 की मौत

By: Dec 12th, 2019 12:01 am

रोग भगाने को हिमाचल पखवाड़ा शुरू करेगी सरकार

शिमला – टीबी रोग से हर साल 550 हिमाचलियों की मौत हो रही है। इसके साथ-साथ प्रदेश में 15 हजार टीबी रोगियों का पंजीकरण हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य के सरकारी अस्पतालों में हर साल लगभग 14 हजार टीबी रोगियों का पता लगाकर इनका उपचार किया जाता रहा है। वर्ष 2018-19 में 14070 के लक्ष्य के मुकाबले राज्य ने सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपचार के लिए 15 हजार नए टीबी रोगियों का पंजीकरण किया। लगभग 900 नए टीबी रोगियों को राज्य के निजी अस्पतालों से अधिसूचित किया गया। प्रदेश सरकार ने 2023 तक राज्य को क्षय रोग मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। हिमाचल प्रदेश में निजी क्षेत्र में क्षय रोग से पीढि़त व्यक्तियों के वास्तविक आंकड़े प्राप्त न होने से रोगियों की संख्या में अंतर आ जाता है। संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम आरएनटीसीपी को हिमाचल प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। हमीरपुर भारत का पहला ऐसा जिला है, जहां 1995 में पायलट आधार पर कार्यक्रम को लागू किया गया। बताया गया कि कुछ विशेषज्ञ डाक्टर्ज बाजार से टीबी की दवाइयां लिखते हैं, जो काफी महंगी हैं और रोगी दवाओं को बीच में लेना बंद कर देता है। इससे इलाज अधूरा रहने के कारण वह गंभीर मुसीबत में पड़ जाता है। राज्य सरकार जनवरी, 2020 में टीबी मुक्त हिमाचल अभियान पखवाड़ा आरंभ करेगी, जिसमें विशेष रूप से सक्रिय टीबी के मामलों की खोज कर इन्हें उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी।


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