डा. राघव के क्नीनिक में जुटे भारत-जापान के डेंटिस्ट

By: Dec 8th, 2019 12:20 am

चार दिवसीय एडवांस जाइगोमैटिक डेंटल इंप्लांट्स वर्कशॉप में दंत चिकित्सकों को तकनीक पर टिप्स

पठानकोट – दंत चिकित्सा के क्षेत्र में दंत प्रत्यारोपण लोगों के लाइफ  स्टाइल में अत्यंत महत्त्वपूर्ण बदलाव लाया है। वर्तमान समय में अब कृत्रिम दांतों का अनुभव अपने ही प्राकृतिक दातों की तरह किया जाने लगा है।  पठानकोट व कांगड़ा में स्थित डा. राघव डेंटल इंप्लांट क्लीनिक पिछले 15 साल से डेंटल इंप्लांट्स जॉनी दंत प्रत्यारोपण में नई तकनीकों का विकास लोगों तक पहुंचाने में सक्रिय रहा है । देश ही नहीं, विदेशों में भी डा. राघव ने दंत चिकित्सकों को अपनी कार्यप्रणाली से समय-समय पर अवगत करवाया है, जिनमें इटली, इजरायल, सिंगापुर, स्वीडन , श्रीलंका व ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। पूरे देश भर में केवल दस ही डाक्टर इस क्षेत्र में निपुण हैं, जिसमें पठानकोट के डा. राघव वर्मा का नाम सक्रियता से लिया जाता है। हाल ही में आयोजित अत्यंत एडवांस जाइगोमैटिक डेंटल इंप्लांट्स वर्कशॉप का आयोजन डा. राघव डेंटल इंप्लांट्स क्लीनिक में सफलता पूर्ण संपन्न हुआ। इस चार दिवसीय कार्यशाला में जपान व भारत से आए दंत चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। इसमें डा. वर्मा की अध्यक्षता में कम हड्डी के जबड़ों में दंत प्रत्यारोपण किए गए।  इस मौके पर पंजाब व हिमाचल से आए आठ मरीजों का उपचार बहुत ही कम शुल्क पर किया गया। इस अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे जाइगोमैटिक इंप्लांट सर्जन डा. वर्मा एमडीएस ने जापानी डाक्टरों  को इस तकनीक से अवगत करवाया और इस तकनीक के नुस्खे सिखाए  ।  उसमें जबड़े में कम हड्डी होने के बावजूद सफलता ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है के बारे में बताया। डा. राघव इस तरीके से 200 से ज्यादा सफल आपरेशन और इंप्लांट कर चुके हैं। क्षेत्र में 15000 से ज्यादा सर्जरी देश-विदेश में कर चुके हैं । इंप्लांटोलोजी  में शिक्षा को सक्रियता के साथ चलाना ही जीवन का उद्देश्य है और शीघ्र ही नैनोटेक्नोलॉजी को भी इस तकनीक का हिस्सा बनाने जा रहे हैं 


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