तीन हफ्ते में करें खड्डों का निरीक्षण

खनन की शिकायत पर हाई कोर्ट के डीसी-एसपी मंडी को आदेश

शिमला – अवैध खनन के मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश हाई कोर्ट ने मंडी शहर में ब्यास नदी में मिलने वाली लोहारा, कंसा और सुकेती खड्डों का तीन सप्ताह के भीतर निरीक्षण करने के आदेश दिए है। यह आदेश डीसी मंडी, एसपी मंडी और जिला खनन अधिकारी मंडी को दिए गए हैं। न्यायालय ने इस निरीक्षण के दौरान खनन, उद्योग विभाग, आईपीएच, राजस्व विभाग और वन विभाग के अधिकारियों को उपस्थित रहने का भी निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायत लोहारा, ढाबन और नगर परिषद  नेरचौक के अध्यक्ष सहित संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रधानों को भी निरीक्षण के समय उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हैं। न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी और न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने यह आदेश जिला मंडी के सुभाष चंद द्वारा दायर एक याचिका पर दिए। याचिका में आरोप लगाया है कि जिला मंडी में पांच से अधिक वर्षों से राजस्व, पुलिस, उद्योग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की मिलीभगत से खनन माफिया द्वारा सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जब भी निरीक्षण या छापामारी की जानी होती है, तो छापे की पूर्व सूचना इन माफियाओं को लीक कर दी जाती है और वे या तो मौके से भाग जाते हैं या अपने वाहन घटनास्थल पर छोड़ देते हैं। इसके पश्चात उनके महज चालान किए जाते हैं। अब न्यायालय ने निरीक्षण दल को यह पता लगाने का भी निर्देश दिया है कि पता लगाया जाए कि खानों और खनिजों का कोई भी अनाधिकृत उत्खनन तो नहीं किया गया है। यदि ऐसा है, तो इससे कोई नुकसान तो नहीं हुआ है। अदालत ने इस तरह के अवैध और अनाधिकृत खनन से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण का आकलन करने के आदेश भी दिए। कोर्ट ने लोहारा खड्ड पर कंसा चौक पर बने पुल का निरीक्षण करने के आदेश भी दिए। मामले पर सुनवाई छह जनवरी, 2020 के लिए निर्धारित की गई है।