थोक-परचून व्यापारियों के लिए प्याज का लाभांश तय

सोलन – प्याज की घूसखोरी एवं जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन सख्त हो गया है। प्रशासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि आगामी दिनों में यदि कोई प्याज की घूसखोरी एवं जमाखोरी करते हुए कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस संदर्भ में जिला दंडाधिकारी सोलन केसी चमन ने जिला के थोक व परचून दुकानदारों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह आदेश हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी उन्मूलन आदेश 1977 के खण्ड 3(2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार सोलन जिला में थोक व परचून दुकानदारों द्वारा प्याज पर लिए जाने वाले लाभांश की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी गई है। थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा 5 प्रतिशत तथा परचून व्यापारियों के लिए 24 प्रतिशत तय की गई है। इस 24 प्रतिशत लाभांश में परिवहन भाड़ा, लदाई, उतराई, कमी व अन्य सभी खर्चे शामिल हैं। आदेशों के अनुसार इन सभी खर्चों की गणना थोक बिक्री मूल्य पर कर परचून दर तय होगी। जिला दंडाधिकारी ने सभी व्यापारियों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित सीमा तक का लाभांश ही वसूल करें। उन्होंने सभी उपमंडलाधिकारियों एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में व्यापार मंडलों और सब्जी विक्रेता संगठनों से बैठक कर उन्हें इस अधिसूचना से अवगत करवाएं। उन्होंने व्यापार मंडलों और सब्जी विक्रेता संगठनों को इस अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करवाने के भी निर्देश जारी किए हैं।  उन्होंने कहा कि जो भी व्यापारी इस अधिसूचना का उल्लंघन करेगा उसके पास से पूरा प्याज जब्त कर लिया जाएगा और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। गौर रहे कि देश भर में प्याज की कीमतें आसमान छू रही है।  मध्यमवर्गीय परिवारों की पहुंच से अब प्याज दूर होता जा रहा है। आलम यह है कि अधिकतर दुकानदारों ने तो प्याज बेचना ही बंद कर दिया है। क्योंकि लोगों ने प्याज की खरीददारी करना काफी कम कर दी है।