नागरिक बिल पर एसएफआई का हल्ला बोल

By: Dec 12th, 2019 12:25 am

शिमला-हिमाचल प्रदेश एसएफआई इकाई ने विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन बिल के ड्राफ्ट को जलाकर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान एसएफआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भाजपा सरकार देश के धर्म निरपेक्ष चरित्र के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस बिल से भारतीय संविधान के आर्टिकल 5,10,15 के साथ भी छेड़छाड़ कर रही है। एसएफआई इकाई ने कहा कि 1955 के नागरिकता बिल में स्पष्ट है कि अगर कोई भी शरणार्थी 15 साल से अगर भारत मे रह रहा है, उनको भारतीय नागरिकता दी जाएगी। एसएफआई ने स्पष्ट कहा है कि इस संशोधन बिल का आधार केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार ने अपने वोट बैंक को बनाए रखने के लिए ही एनआरसी से बाहर हुए हिंदुओं को एकत्रित करते हुए अपने वोटबैंक को बनाए रखने के लिए ही संसद में लाया है। एसएफआई ने कहा कि केंद्र सरकार सावरकर और गोल्बलकर के द्वि राष्ट्रीय सिद्धांत को ही पूरे भारत में थोपने की कोशिश कर रही है, इस बिल में बांग्लादेश अफगानिस्तान और पाकिस्तान के धार्मिक प्रताडि़त हिंदू लोगों को ही भारत की नागरिकता दी जाएगी, ताकि एनआरसी में बाहर हुए हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी जाए। एसएफआई ने कहा कि किसी एक विशेष धर्म को दरकिनार कर देश मंे अलगाववाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसकी वजह से ही देश मंे धार्मिक उन्माद भी बढ़ सकता है, इसलिए एसएफआई इसका विरोध करती है। एसएफआई ने कहा कि इसके साथ ही साथ बीते कुछ दिनों से संसद में जनविरोधी नीतियां बनाने में मशरूफ है। एसएफआई ने विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को चेताया कि देश व प्रदेश के तमाम आवाम से यह अपील है कि इन सभी जनताविरोधी नीतियों के खिलाफ़ एकजुट होकर आवाज उठाएं।


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