न मरीज देखेंगे…न देंगे एमरजेंसी ड्यृूटी

By: Dec 4th, 2019 12:30 am

पपरोला आयुवेर्दिक कालेज में स्टापंड बढ़ाने की मांग की अनदेखी पर प्रशिक्षु डाक्टरों ने शुरू की हड़ताल

बैजनाथ-प्रदेश के एकमात्र राजीव गांधी आयुर्वेद स्नातकोत्तर महाविद्यालय पपरोला के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र अपनी लंबे समय से चली आ रही स्टाइपंड को बढ़ाने की मांग की अनदेखी के चलते अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए है। यह प्रशिक्षु डाक्टर अपने स्टाइपंड मे बढ़ोतरी को लेकर पिछले एक महीने से काली पट्टी बांध कर हड़ताल कर रहे थे।  मगर सरकार की पूर्ण रूप से अनदेखी के चलते व अपनी मांग को पूरा होता न देखकर अब इन प्रशिक्षु डाक्टरों ने संघर्ष  करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अब निर्णय भी ले लिया कि हड़ताल के दौरान न तो वे विभाग में किसी भी मरीज को देखेंगे ओर न ही रात को एमर्जेंसी  ड्यूटी करेंगे। ऐसे में साफ  जाहिर है कि इस हड़ताल के कारण पपरोला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती है। ध्यान देने वाली बात है कि  पपरोला महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे छात्रों को  पहले  साल 12000 रुपए का स्टाइपंड मिलता है, जबकि दूसरे साल यह 13000 रुपए जबकि तीसरे साल 15000 रुपए महीना मिलता है। इनका कहना है कि पूरे भारत मे जितने भी आयुवर्ेेदिक संस्थान है यह स्टाइपंड सबसे कम है जबकि कई अन्य संस्थानों में यह 50000 रुपए से भी ऊपर है।  छात्रों का कहना है कि इतने कम स्टाइपंड में उनका गुजारा होना बहुत मुश्किल है। अपनी मांगों को लेकर वह निदेशक आयुर्वेद और आयुर्वेद मंत्री से भी गुहार लगा चुके है, लेकिन बात बनती न देख कर उन्हें यह रास्ता अख्तियार करना पड़ा है। इस समय आयुर्वेद अस्पताल पपरोला में एमर्जेंसी से लेकर अन्य कार्य इन्हीं पीजी प्रशिक्षुओं के हाथ में है। अगर यह हड़ताल लंबी चलती है, तो अस्पताल का कार्य भी प्रभावित हो सकता है।  इस बारे में महाविद्यालय के प्राचार्य नरेश शर्मा ने बताया कि सभी छात्रों ने स्टाइपंड बढ़ोतरी के बारे में कालेज प्रशाशन को लिखित में दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है वे सेवाओ का बहिष्कार करेंगे। छात्रों की स्टाइपंड बढ़ाने की मांग विभाग ओर सरकार तक भेजी गई है।


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