पटवारियों के 1090 पद भरने को मंजूरी

By: Dec 5th, 2019 12:06 am

पंजाब मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया फैसला

चंडीगढ़ –पंजाब मंत्रिमंडल ने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त बनाने और कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से पटवारियों के खाली पड़े 1090 पदों को भरने की मंजूरी दे दी। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंदर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। प्रशासन में राजस्व विभाग का अहम रोल होने के कारण जमीनी रिकार्ड को इकट्ठा करने ,उसकी संभाल और अपडेट करने में पटवारियों की भूमिका अहम होती है। लंबे समय से खाली पड़े पदों के कारण कामकाज में उदासीनता आ गयी थी। इस फैसले से राजस्व विभाग के कामकाज में गति आएगी तथा लंबित काम निपटाने में तेजी आएगी। कार्यकुशलता आने से लोगों की सेवा में सुधार आएगा। बैठक में सात पटवार सर्किल के पीछे एक कानूनगो की तैनाती को भी मंजूरी दी गई है। मौजूदा समय में दस पटवार सर्कल के पीछे एक कानूनगो तैनात है। कानूनगो के नए 34 पदों की सृजना की गई है । यह फैसला प्रशासन में राजस्व विभाग का अहम हिस्सा होने के कारण लिया है।  इससे राजस्व विभाग के काम निपटाने की गति में तेज़ी और कार्यकुशलता आने के अलावा लोगों को सेवाएं प्रदान करने की व्यवस्था में भी अधिक सुधार होगा। सरकार के इस जनहित संबंधी कदम से लोगों को बड़े स्तर पर फ़ायदा होगा। अब सात पटवार सर्कलों के पीछे एक कानूगो की पोस्टिंग को मंज़ूरी दी गई है, जबकि मौजूदा समय में 10 पटवार सर्किलों के पीछे एक कानूगो तैनात है। इस फैसले से कानूगो के 34 नए पदों की सृजना होगी। यह फैसला राज्य में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के कारण फील्ड में तैनात कानूगों के बढ़े हुए काम को भी घटाएगा। अन्य फैसले के तहत राजस्व को बढ़ाने के लिए कृषि के अलावा अन्य मंतव्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नदियों/नहरी पानी की कीमतों में वृद्धि की जायेगी । प्रस्तावित कीमतें पड़ोसी राज्य हरियाणा के बराबर होंगी और कीमतों की समीक्षा तथा उसमें वृद्धि से राजस्व बढ़ेगा। इस समय पर 24 करोड़ रुपए प्रति वर्ष राजस्व इकट्ठा होता है।  प्रस्तावित वृद्धि से यह राजस्व बढ़कर 319 करोड़ रुपए प्रति वर्ष होने की संभावना है।   ज्ञातव्य है कि जल संसाधन विभाग सिंचाई के अलावा विभिन्न संस्थाओं जैसे थर्मल पावर प्लांट, उद्योगों, नगर निगमों को नदियों और नहरों के जरिये थोक में पानी की सप्लाई करता है। इसी तरह पेयजल और बोतलबन्द पानी उद्योग, पीने वाले पानी की सप्लाई (समेत रेलवे और सेना), मछली तालाब, ईंटें बनाना और निर्माण के लिए पानी की आपर्ति करता है।

 


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