पुन्नरधार में ‘निशु चाली कालेजो…’

क्षेत्र में धूमधाम से मनाया मशराली का पर्व, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का चला दौर

नौहराधार – जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में हर त्योहार अलग अंदाज में मनाया जाता है। दिवाली के बाद बूढ़ी दिवाली इसके बाद वर्ष के अंत में मशराली का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी कड़ी में पुन्नरधार में इस वर्ष भी मशराली पर्व को मनाया गया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों की शुरुआत मुख्यातिथि हरि चंद ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर की। इसके बाद नामी पहाड़ी कलाकारों ने समां बांधा। सबसे पहले नवयुवकों द्वारा राजा हरिश चंद्र नाटक का मंचन किया गया। इस अवसर पर, जहां दिन में पहाड़ी वाद्य यंत्रों व रंग-बिरंगी पोशाकों के साथ स्थानीय लोगों ने नाटियों का लुत्फ उठाया तथा श्रोताओं का मनोरंजन करवाया। वहीं रात को नामी पहाड़ी कलाकारों ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। पहाड़ी कलाकार प्रदीप व सुनील धीमान ने एक से बढ़कर एक पहाड़ी हिंदी गानों का खूब तड़का लगाया। इस दौरान सिरमौरी कलाकार हरि चंद चौहान ने भरतरी गाकर कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका श्रोताओं ने खूब आनंद लिया। सुप्रसिद्ध कलाकार जेपी शर्मा ने जैसे ही मंच संभाला उनका स्वागत श्रोताओं ने सीटियों से किया। उन्होंने अपनी एलबम शालू बाठाणे, निशु चाली कालेजो आदि गाने गाए तो इतनी कड़कड़ाती ठंड में भी श्रोतागण झूमते हुए नजर आए। इसके बाद पाया शालो रा लपेटा, आग बाणों री गेठी गाकर पंडाल में बैठे श्रोताओं को नाचने पर विवश कर दिया। उन्होंने एक से बढ़कर एक पहाड़ी, हिंदी, पंजाबी गीतों से नौजवानों को नचा दिया। बता दें कि गिरिपार क्षेत्र के कई क्षेत्रों में मशराली पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बहरहाल पुन्नरधार में यह पर्व इस वर्ष का अंतिम सांस्कृतिक कार्यक्र म था। इस अवसर एक गांव से दूसरे गांव में मेहमानवाजी का दौर चलता है। इस मौके पर सिरमौरी व्यंजन असकली, पटांडे, सिडकु व अलग -अलग मुड़े का मेहमानों ने खूब लुत्फ उठाया। इस मौके पर राजपाल भारती, पूर्व उपप्रधान ललित, जयपाल, चंद्रभूषण, विक्रम, रिंकू, अजय  आदि गणमान्य ने भाग लिया।