पैवेलियन में चल रहा पुलिस असिस्टेंस रूम बिझड़ी

11 पंचायतों का जिम्मा मात्र पांच कर्मियों पर, लोगों ने की स्थायी चौकी खोलने की मांग

बिझड़ी – उपमंडल बड़सर का केंद्र बिंदु माना जाने वाले बिझड़ी में पुलिस चौकी की जरूरत को देखते हुए पुलिस असिस्टेंट रूम का प्रावधान किया गया है, लेकिन 11 पंचायतों के हजारों लोगों को सुरक्षा व पुलिस सहायता प्रदान करने वाली पुलिस यहां खुद ही असहाय प्रतीत होती है। ताल स्टेडियम के पैवेलियन में जैसे-तैसे पुलिस सहायता कक्ष  बिझड़ी का काम चलवाया जा रहा है। लगभग एक किलोमीटर लंबे बाजार की ट्रैफिक संभालने, 11 पंचायतों में ला एंड ऑर्डर बनाए रखने व कार्यालय की व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक एएसआई व चार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा कोई भी महिला पुलिसकर्मी यहां उपलब्ध नहीं है। जानकारी के मुताबिक इस वर्ष दियोटसिद्ध पुलिस चौकी में 34, गलोड़ में 23 तथा बिझड़ी में 38 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में क्राइम के मामले में संवेदनशील ढटवाल इलाके में लोगों ने स्थायी पुलिस चौकी खोलने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि महिलाओं से संबंधित कोई मामला पेश आता है, तो उससे निपटना पुलिस कर्मियों के लिए मुश्किल हो सकता है। जानकारी के मुताबिक बिझड़ी में पुलिस सहायता कक्ष के लिए नए भवन की तलाश चल रही है। इसके लिए एसपी कार्यालय से आवेदन भी मांगे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई भी उपयुक्त भवन उपलब्ध नहीं हो पाया है। व्यापार मंडल प्रधान रणजीत, ओंकार, दर्शन, रजनीश, सतीश, विजय, रमन बन्याल व दिनेश शर्मा आदि ने सरकार से मांग की है कि पुलिस सहायता कक्ष को पुलिस चौकी में बदला जाए। इसके बाद पुलिस चौकी के लिए भवन निर्माण करवाया जाए या फिर दूसरे विभागों की खाली पड़ी इमारतों का इस्तेमाल किया जाए। इन लोगों ने बिझड़ी चौकी में स्टाफ बढ़ाने के साथ ही महिला पुलिस कर्मियों की नियुक्ति की मांग भी की है। डीएसपी बड़सर जसवीर ठाकुर का कहना है कि पुलिस सहायता कक्ष में इतने ही पुलिस कर्मियों की तैनाती की जा सकती है। अगर सरकार द्वारा इसे अपग्रेड कर पुलिस चौकी में बदला जाता है, तो स्टाफ बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी जरूरत के मुताबिक पुलिस कर्मियों को बड़सर थाना से भेजकर काम चलाया जा रहा है।