बाहर धरना, अंदर वॉकआउट

By: Dec 10th, 2019 12:15 am

गेट पर रोकने से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बोला हल्ला

धर्मशाला – हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन तपोवन विधानसभा भवन के मुख्यगेट पर ही नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एंट्री से पहले ही धरना शुरू कर दिया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सोमवार सुबह विधानसभा अध्यक्ष के साथ होने वाली बैठक के लिए अंदर जा रहे थे, उस वक्त उनकी गाड़ी को रोक दिया गया और उन्हें पिछले गेट से आने को कहा। इस पर नेता प्रतिपक्ष नाराज हो गए और गेट पर धरने पर बैठ गए। थोड़ी ही देर में जब वहां मुख्यमंत्री पहुंचे, तो उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से बात कर सारे मामले को शांत किया। मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार में यह पता नहीं चल रहा कि आदेश कहां से आते हैं और इन्हें पास कौन करता है। उन्होंने सवाल उठाया कि विधानसभा के मुख्यगेट से विधायक नहीं जाएंगे, तो और कौन जाएगा। ऐसा करके जनता के चुने हुए विधायकों के साथ नाइनसाफी की जा रही थी। इस मामले को मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष से उठाया, तो दोनों ने मना किया कि उन्होंने ऐसे आदेश जारी नहीं किए  हैं। ऐसे में सरकार पर कई सवाल उठ रहे हैं।

इन्वेस्टर्ज मीट को लेकर सदन में जोरदार हंगामा

धर्मशाला     –  तपोवन में शुरू हुए शीतकालीन सत्र के सोमवार को  पहले दिन ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट के मुद्दे पर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया। सत्र की शुरुआत शोकोदग्गार के साथ हुई। इसके बाद जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र की कार्यवाही शुरू की, तो नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने उनसे नियम 67 के तहत दिए गए स्थगन प्रस्ताव को लेकर दिए गए नोटिस पर चर्चा की मांग कर डाली। अध्यक्ष ने उन्हें इस बारे में बाद में नियम 130 के तहत चर्चा करवाने की बात कही, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नहीं माने और उन्होंने इन्वेस्टर्ज मीट के आयोजन को लेकर सरकार पर कई सवाल उठाना शुरू कर दिए। हंगामे के चलते विधायकों द्वारा रखे गए प्रश्नों पर भी चर्चा नहीं हो पाई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन्वेस्टर्ज मीट के नाम पर करोड़ों का खर्चा कर दिया। 16 करोड़ का टेंट ही लगा दिया गया, यदि 16 करोड़ का कोई भवन बनाया होता, तो वह भी आलीशान बन जाता। उन्होंने कहा कि मीट को लेकर हुए खर्च पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे, जिससे प्रदेश को पता चले कि इस पर कितना खर्च किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश की जमीनों को बाहरी लोगों को बेचने का षड्यंत्र रच रही है। इन आरोपों के बीच सत्तापक्ष के सदस्य भी खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। चोर मचाए शोर की नारेबाजी के बीच दूसरी तरफ  से विपक्ष के सदस्य भी खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। कुछ देर तक दोनों ओर से जोरदार नारेबाजी चलती रही, जिसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर इन्वेस्टर्स मीट के आयोजन को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मीट के आयोजन पर बिना वजह प्रदेश का करोड़ों का खर्चा कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना तैयारी के ही इस आयोजन को करवा दिया। इसके साथ ही बाहर से आए इन्वेस्टर्स को यहां आकर ठगा हुआ महसूस करना पड़ा। यह आयोजन इन्वेस्टर्स मीट की जगह भाजपा मीट बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि सरकार इस आयोजन पर हुए खर्चे को लेकर श्वेत पत्र जारी करे और विधानसभा में इस पर चर्चा करवाए। बता दें कि सदन में नेता प्रतिपक्ष ने जैसे ही इन्वेस्टर मीट का मामला उठाया, दोनों तरफ से नोकझोंक शुरू हो गई। विपक्ष की योजना को देखते हुए सतापक्ष के भी तमाम विधायक अपनी अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारे लगाने लगे। अधिक संख्या के चलते सतापक्ष के विधायक भी विपक्ष पर भारी पड़ते नजर आए।

 


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