रिकांगपिओ में रिसर्च सेंटर को मंजूरी

ट्राइबल एरिया में खुलेंगे आयुष शोध केंद्र, क्षेत्र की जड़ी-बूटियों पर होगा काम

शिमला  – प्रदेश के जनजातीय जिलों में आयुष रिसर्च सेंटर खोले जाएंगे। केंद्र सरकार ने पहले चरण में जिला किन्नौर के रिकांगपिओ में रिसर्च सेंटर खोलने की मंजूरी दे दी है। प्रदेश सरकार ने पहले ही रिकांगपिओ के समीप शारबों में चिलगोजा अनुसंधान केंद्र खोला है, जिसमें केवल चिलगोजा पर ही काम होता है। अब किन्नौर व लाहुल-स्पीति जिलों में पैदा होने वाली जड़ी-बूटियों के लिए भी एक रिसर्च सेंटर खोलने की तैयारी हो चुकी है। इसमें कई प्रकार की जड़ी-बूटियों पर काम होगा। शीघ्र ही केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय किन्नौर के रिकांगपिओ में एक और रिसर्च सेंटर खोलने जा रहा है। इसमें पहाड़ी क्षेत्र में उगने वाली जड़ी-बूटियों के बारे में अनुसंधान का काम किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक लाहुल-स्पीति और किन्नौर में अभी तक पंजीकृत 78 स्थानीय बैद्य काम कर रहे हैं और इन सभी के पास स्थानीय जड़ी-बूटियों से ही इलाज अभी भी होता है। अब केंद्रीय आयुष मंत्रालय दोनों जिलों में पैदा होने वाली जड़ी-बूटियों पर काम शुरू होगा। जिला किन्नौर और लाहुल-स्पीति में पैदा होने वाली जड़ी-बूटियों पर काम करने के लिए वैज्ञानिक तौर पर काम करवाया जाएगा। इसके साथ ही लाहुल-स्पीति और किन्नौर की जड़ी-बूटियों को देश-विदेश में भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि इन दोनों जिलों में करोड़ों की जड़ी-बूटियां लुप्त होने लगी हैं। अब केंद्रीय आयुष मंत्रालय इन लुप्त होने वाली जुटी-बूटियों की पैदावार बढ़ाने में भी काम करेगा। वहीं औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। जिसके लिए किसानों के क्लस्टर बनाए जा रहे हैं।

75 लाख से महकेंगे औषधीय पौधे

प्रदेश में औषधीय पौधों के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत 75.54 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इसमें से दो छोटी नर्सियों के लिए 12.50 लाख रुपए, अतिस की खेती के लिए 8.04 लाख रुपए कुटकी व कुठ के लिए 25 लाख रुपए जर्मप्लाम केंद्र की स्थापना के लिए तथा 30 लाख रुपए ड्राइंग शैड व गोदामों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। इसके अलावा 64 लाख रुपए का एक प्रस्ताव औषधीय पौधों की खेती के लिए भारत सरकार को भेजा गया है। बताया गया कि आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड ने जोगिंद्रनगर में क्षेत्रीय एवं सुविधा केंद्र की स्थापना के लिए 748 लाख रुपए के अनुदान को स्वीकृति प्रदान की है।