रिजर्व बैंक ने रीपो रेट 5.15% पर बरकरार रखा, जीडीपी अनुमान 6.1% से घटाकर 5% किया

By: Dec 5th, 2019 1:25 pm

NBTजुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.5 पर्सेंट तक पहुंच गई थी, जो 6 साल का सबसे निचला स्तर है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि रिज़र्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और तीन दिनों की पॉलिसी बैठक के बाद नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया गया। दूसरी तरफ, केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 6.1 पर्सेंट से घटाकर 5% कर दिया और महंगाई दर का अनुमान 3.5 पर्सेंट से बढ़ाकर 3.7% कर दिया है।

विशेषज्ञ पॉलिसी रेट्स में कटौती के कयास लगाए जा रहे थे। जीडीपी ग्रोथ के 6 साल के निचले स्तर पर पहुंचने और की रेटिंग एजेंसियों के द्वारा अनुमान घटाए जाने की वजह से इकॉनमी को लेकर लोगों की चिंताएं और बढ़ गईं। हालांकि, नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMI दोनों मोर्चों पर पॉजिटिव खबर मिली।

लगातार 5 बार रीपो रेट में कटौती
इससे पहले लगातार 5 बार केद्रीय बैंक ने रीपो रेट में कटौती का ऐलान किया था। इस साल रीपो रेट में 1.35% कमी की जा चुकी है और मौजूदा दर 5.15% है। अगर रीपो रेट और घटाया जाता तो इससे जुड़े कर्ज और सस्ते हो जाते, यानी आपकी ईएमआई पर फर्क पड़ता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

क्या होता है रीपो रेट
वह दर जिस पर आरबीआई कमर्शल बैंकों को कर्ज देता है, उसे रीपो रेट कहते हैं। इस दर में कटौती से बैंकों को सस्ता कर्ज मिलता। ऐसा होने पर दबाव बनता है कि वे ग्राहकों को सस्ता कर्ज मुहैया करवाएं। सस्ता कर्ज मांग बढ़ाता है।


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