विधानसभा के हर गांव की दहलीज पर पहुंच कर गंधर्व ने कब्जाई थी सीट

By: Dec 10th, 2019 12:20 am

हलके के अंतिम गांव आयल पैदल पहुंचकर जनता से मांगे थे वोट, आशा कुमारी को दी थी मात

चंबा  – यातायात सहित अन्य तरह के संसाधनों की कमी के चलते 1990 में विधानसभा के हर गांव की दहलीज पर पहुंच कर गंधर्व ने सीट पर कब्जा किया था। आम व्यक्ति की तरह सब से मेल-जोल रखने वाले गंधर्व विधानसभा क्षेत्र के अंतिम गांव आयल (अब चुराह में शामिल) सहित अन्य लगते क्षेत्रों में पैदल पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने लोगों से मिल कर वोट की अपील करने के बाद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी आशा कुमारी को मात दी थी। मौजूदा समय का डलहौजी विधानसभा क्षेत्र वर्ष 1990 में बनीखेत विधानसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2008 में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन होने के चलते विधानसभा क्षेत्र बनीखेत का नाम डलहौजी हो गया। साथ ही इस विधानसभा क्षेत्र की पांच पंचायतें (हिमगिरी, पंझेई, चीह, बणंतर एवं आयल) चुराह में चली गई। इसके अलावा इसी विधानसभा क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक पंचायतें भटियात विधानसभा क्षेत्र में मिला दी गई। लिहाजा गंधर्व सिंह का क्षेत्र भी भटियात में चला गया। उसके बाद उन्होंने भटियात विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को लेकर पार्टी से टिकट की मांग की, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाई, लिहाजा गंधर्व सिंह अनशन पर बैठ गए। बाद में उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। पिछले कु छ दिनों से बीमार चल रहे गंधर्व सिंह का सोमवार को संधारा स्थित आवास पर निधन हो गया। उनके निधन पर कई राजनेताओं के  अलावा लोगों एवं क्षेत्रवासियों ने दुख व्यक्त करते हुए भगवान से उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआएं मांगी हैं।

1990 में बीजेपी के बने थे गंर्धव

विधानसभा क्षेत्र बनीखेत में पहला चुनाव वर्ष 1967 में हुआ था, जिसमें कांग्रेस के देशराज जीते थे, 1972 में भी देस राज विजयी रहे। वहीं, 1977 में जनता पार्टी के ज्ञान चंद ने जीत हासिल की। सन् 1982 में कांग्रेस के देसराज महाजन ने फिर से जीत हासिल की। वहीं, 1985 में आशा कुमारी ने बनीखेत विधानसभा क्षेत्र से विजय हासिल की। 1990 में गंधर्व सिंह ने आशा कुमारी को मात देकर जीत दर्ज की। उसके बाद 1993 में फिर आशा कुमारी ने सीट कब्जा ली। 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App