विस्थापितों के मुद्दे से तपा तपोवन

By: Dec 14th, 2019 12:20 am

सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने विधानसभा सत्र में रखा पक्ष

बिलासपुर –धर्मशाला में आयोजित विधानसभा सत्र में बिलासपुर के भाखड़ा विस्थापितों का मुद्दा भी गूंजा। इस मसले पर सदर बिलासपुर हलके के विधायक सुभाष ठाकुर ने भाखड़ा विस्तापितों का पक्ष रखते हुए कहा कि भाखड़ा विस्थापितों का विषय सत्य है कि विचाराधीन है, लेकिन जो वर्ष 2013 में पॉलिसी फ्रेम हुई थी, वह वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री से डेपोटेशन मिल करके उसमें अमेंडमेंट हुई है। उन्होंने कहा कि उसमें ऑस्टीज/परचेजर भी आया है, उसकी 30 नवंबर तक डेट थी कि एप्लीकेशन दी जाए और 150 स्क्वेयर मीटर भूमि उनको अलॉट की जाएगी, लेकिन उसके बावजूद भी उच्च न्यायालय की ओर से लोगों के मकानों के डिस्मेंटल के आर्डर हुए। ऐसे में आग्रह है कि अभी 30 नवंबर डेट थी, लेकिन अभी उन लोगों को स्क्रुटनाइज नहीं किया गया है, उसके बावजूद भी 200 से 300 लोगों को ऐसे नोटिस आए हैं। इसके बारे में आश्वासन चाहता हूं। दूसरे बहुत से ऐसे लोग हैं जो भाखड़ा डैम से डिस्प्लेस हुए उनके नाम से जमीन नहीं थी, लेकिन वे छोटा-मोटा कारोबार वहां पर करते थे, उनको कहा गया कि आप ऊपर जाकर के कहीं भी मकान बना लें, वहां पर 60-70 सालों से उन्होंने मकान बना रखे हैं। उन्होंने कहा कि पीछे गवर्नमेंट की तरफ  से भी कहा गया था कि आप लोगों के मकानों को रेगुलराइज किया जाएगा तो उन्होंने एक एफिडेविट दिया कि हमने इस जमीन के ऊपर मकान बनाया है या एंक्रोचमेंट की है, उसको रेगुलराइज किया जाए। विधायक ने आग्रह किया कि जो पहले डिस्प्लेस हुए और अब दोबारा वहां से उनको हटाया जाएगा तो वह लैंडलैस हो जाएंगे। कोई भी भूमि उनके नाम से नहीं है। इसलिए चाहता हूं कि दो विश्वा भूमि जो एक पॉलिसी भी है, उसके तहत क्या उन लोगों को लिया जाएगा या नहीं। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने पहले ही कहा कि इस सारे मामले में कोर्ट ने अपना आदेश भी दिया है और आदेश के कारण मामला सब-ज्युडिस है। इसलिए इस माननीय सदन में इस पर बहुत विस्तृत चर्चा करना उचित नहीं होगा। एक बात तो यह है कि लेकिन जहां तक आपने कहा कि इसमें 30 नवंबर की लास्ट डेट तय कर दी थी और उसके अनुसार कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि आप इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं कि मकान को तोड़ने के आदेश भी कोर्ट में कर दिए हैं। ऐसी परिस्थिति में इस माननीय सदन में इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। जहां तक आपने दो बिस्वा जमीन देने के बारे में कहा कि आने वाले समय में उनके पास जमीन ही नहीं बचेगी, वह एक बार नहीं बल्कि दो बार डिसप्लेस हो रहे हैं, वह परिस्थिति अलग तरह की है, उसके लिए आने वाले में हम विचार के लिए खुले हैं। सारे लीगल एस्पेक्ट्स एग्जामिन करने के बाद विचारोपरांत उसने क्या किया जा सकता है, जो करने की स्थिति होगी, उसे करने में हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसमें कोई कमिटटमेंट करना तथा कोई और बात कहना उचित नहीं होगा, क्योंकि कोर्ट पहले ही इस सिलसिले में आदेश दे चुका है।


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