सफेद दाग की समस्या

By: Dec 14th, 2019 12:18 am

मौसम में बदलाव अपने साथ अनेक प्रकार के त्वचा रोग भी लेकर आता है। खासकर सर्दियों का मौसम शुरू होते ही त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। चेहरे की रौनक न जाने कहां उड़ जाती है और हाथ-पैर फटने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में हम विभिन्न प्रकार की क्रीम और लोशन लगाने के साथ घरेलू उपाय भी करते हैं। किंतु त्वचा के रूखे और बेजान होने के बाद उसे बाहर से सुंदर बनाने की बजाय हमें त्वचा का उपचार अंदर से करना चाहिए अर्थात हमें त्वचा को वो तत्त्व प्रदान करने चाहिए, जो त्वचा को सुंदर और खिला-खिला बनाए रखें…

इन बातों का रखें ख्यालः- इसके लिए बेहद जरूरी है शरीर को आवश्यक मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम प्रदान करना। त्वचा के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण इन दोनों तत्त्वों की कमी के कारण विभिन्न प्रकार के त्वचा रोग जन्म लेते हैं। वहीं कैल्शियम की कमी से विटिलिगो (ल्यूकोडर्मा) जिसे बोलचाल की भाषा में सफेद दाग भी कहा जाता है, त्वचा पर हावी होने लगता है। आइए जानते हैं शरीर में इनकी कमी और किन माध्यमों से प्राप्त कर सकते हैं।

विटामिन डी और कैल्शियम जरूरीः– सुंदर और आकर्षक दिखना हर किसी की चाहत होती है और इसलिए त्वचा का स्वस्थ होना आवश्यक है। इसके लिए हम विभिन्न प्रकार के उपाय भी करते हैं। किंतु मौसम में बदलाव आते ही हमारे सभी प्रयास नाकाम होने लगते हैं। खासकर सर्दियों का मौसम त्वचा के सौंदर्य पर भारी पड़ता है और त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। सर्दियों के मौसम में त्वचा में मौजूद छिद्र सिकुड़ने लगते हैं, जिसके कारण शरीर में मौजूद विषैले तत्त्व बाहर नहीं निकल पाते। वहीं लोग ठंड के चलते उचित प्रकार से स्नान या त्वचा की सफाई भी नहीं कर पाते। ऐसे में त्वचा के ऊपर और अंदर मौजूद विषैले तत्त्व दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा जैसी समस्याओं को जन्म देते हैं। सर्दियों के मौसम में अधिकतर लोग जहां व्यायाम नहीं करते, वहीं अन्य मौसमों के मुकाबले सर्दियों के मौसम में हम अधिक मात्रा में तला-भुना भोजन करते हैं। जिससे हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्त्व खासकर विटामिन डी और कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता। दरअसल विटामिन डी हमारी त्वचा को पर्याप्त पोषण प्रदान करते हुए उसे स्वस्थ और चमकदार बनाए रखता है। वहीं विटामिन डी त्वचा की नमी को बरकरार रखते हुए उसे रूखा और बेजान होने से भी रोकता है। कैल्शियम हमारे शरीर के साथ त्वचा के स्वस्थ बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्शियम की कमी के कारण विभिन्न त्वचा रोग शरीर पर हावी होने लगते हैं।

सौंदर्य को प्रभावित करते सफेद दागः– विटिलिगो जिसे सफेद दाग भी कहा जाता है, भारत वर्ष में तेजी से फैल रहा त्वचा रोग है। एक शोध के अनुसार विश्व में सफेद दाग से प्रभावित लोगों की संख्या लगभग दो प्रतिशत है। वहीं भारत में लगभग 5 से 6 प्रतिशत लोग सफेद दाग से पीडि़त हैं। आमतौर पर इन सफेद दागों पर किसी भी प्रकार की खुजली या दर्द नहीं होता, लेकिन यह देखने में काफी बुरे लगते हैं, जिससे शरीर का सौंदर्य प्रभावित होता है। वहीं सामाजिक भ्रांतियों के कारण लोग इसे कुष्ठ रोग भी मान लेते हैं। इस रोग का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि सफेद दाग से पीडि़त व्यक्ति खुद को उपेक्षित महसूस करने लगता है। कई मरीज अपना उपचार भी नहीं कराते, जिसके कारण यह समस्या बढ़ती जाती है। इस रोग के आधे से ज्यादा मरीज 20 साल आयु होने से पहले और लगभग 95 प्रतिशत लोग 40 वर्ष आयु होने से पहले सफेद दाग की समस्या का सामना करने लगते हैं। सफेद दाग होने के विभिन्न कारण बताए जाते हैं, लेकिन शरीर में कैल्शियम की कमी होना एक महत्त्वपूर्ण कारण माना जाता है।

विटामिन डी और कैल्शियम के स्रोत

विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका सूरज की किरणे हैं। हमारे शरीर की खुली त्वचा सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों को अवशोषित कर विटामिन डी का निर्माण करती है। शरीर के अधिकतर भाग को खुला रख कर धूप में बैठने से विटामिन डी की पूर्ति होने के साथ त्वचा रोगों से भी मुक्ति मिलती है। वहीं दूध, अंडा, संतरा और गाजर भी विटामिन डी प्रदान करते हैं।

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App