सीमेंट प्लांट के खिलाफ गुस्सा

सुन्नी – शिमला ग्रामीण की उप तहसील जलोग में सरकार द्वारा डालमिया कंपनी के सौजन्य से स्थापित किए जाने वाले सीमेन्ट संयंत्र के विरोध में लोगों ने बैठक का आयोजन किया। परगना सराज पिछड़ा पंचायत विकास समिति के तत्वाधान में गडेरी मेआयोजित बैठक मे परगना सराज की छह पंचायतों के दर्जनों लोगों ने हिस्सा लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि परगना सराज क्षेत्र की समस्त पंचायतों में आयोजित की जाने वाली ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करके सीमेन्ट संयत्र का विरोध किया जाएगा साथ ही सरकार को भी ग्राम सभा के प्रस्ताव भेजे जाएंगे। यही नहीं पंचायत प्रस्ताव के अलावा महिला मंडल एवं युवक मण्डलों के प्रस्ताव भी सरकार को भेजे जाएंगे। परगना सराज पिछड़ा क्षेत्र विकास समिति के अध्यक्ष हरिकृष्ण हिमराल ने कहा कि हाल ही में डालमिया समूह के साथ प्रदेश सरकार का सीमेन्ट संयत्र लगाने हेतु जो करार हुआ है। क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर क्षेत्रवासी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उसका विरोध कर रहे हैं। डालमिया समूह पिछले डेढ़ दशक से सीमेन्ट कारखाना लगाने की संभावना तलाश रहा है जिसका कि क्षेत्रवासियों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है। पूर्व सरकार में भी लोगों के विरोधास्वरूप ही कम्पनी का कार्य सर्वेक्षण तक ही सीमित रहा। वर्तमान में भी सरकार को गुमराह करके कम्पनी ने प्रोजेक्ट हथियाया है। कंपनी जिस कारखाने को उप तहसील जलोग की बाग में लगाने की इच्छुक हैं।उसी सीमेन्ट संयंत्र को बसन्तपुर के नाम पर हासिल कर लिया जिससे सरकार एवं जनता दोनों भ्रमित रहे। हकीकत है कि प्रस्तावित सीमेन्ट संयंत्र  स्थल से बसन्तपुर की दूरी लगभग 60 किमी दूर है। कंपनी द्वारा पिछले कई बर्षो से सर्वेक्षण के नाम पर किए जाने वाले खनन से पहाड़ कमजोर होते जा रहे हैं। वहीं सीमेन्ट कारखाना लगने से पर्यावरण बिगड़ेगा। क्षेत्र की संरचना के अनुरूप एक ओर जहां खेती योग्य जमीनें है तो वहीं देवदार एचीड एबान के जंगल बहुतायत में हैं। क्षेत्र में शाली टिब्बा, करयाली झील जैसे खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं तो पर्याप्त पेयजल स्रोत भी है। पदोंआ में बहाव पेयजल योजना से न केवल पूरे सराज के लोग लाभान्वित हो रहे हैं बल्कि ठियोग एवं कुमारसेन के लोगों को भी पानी उपलब्ध हो रहा है। आगामी दिनों में व्यापक आंदोलन इसके विरोध में छेड़ा जाएगा। इस अवसर पर प्रधान जगदीश, विद्या , पुष्पा, पंचायत समिति सदस्य पूनम, कौशल्या, जीतराम, लेखराम कौंडल, रामानन्द, कृष्ण, हरिदास, डोला राम इत्यादि अनेकों लोग शामिल रहे।