सुनो! सरकार हमें ट्रॉमा सेंटर नहीं चाहिए

स्वारघाट –वर्ष 2002 में स्वारघाट में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को आज तक अपग्रेड नहीं किया गया है। स्वारघाट की जनता ने प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्वारघाट को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  में अपग्रेड करने के साथ-साथ रिक्त पडे़ पदों को भरने मांग की है, ताकि बीमार व हादसों में घायल हुए लोगों को इलाज कराने में कोई दिक्कत न हो। वहीं, स्थानीय बुद्धिजीवियों ने स्वारघाट ट्रॉमा सेंटर के संचालन के लिए भी इनकार किया है और ट्रॉमा सेंटर की बिल्डिंग को सीएचसी के लिए प्रयोग करने की मांग की है। स्थानीय बुद्धिजीवियों में पूर्व बीडीसी चेयरमैन एवं वरिष्ठ नागरिक राममूर्ति धर्माणी, तिलक राज, राजकुमार, चमन लाल, विजेंद्र कुमार, प्रेम लाल, दीनानाथ, पवन कुमार, राममूर्ति, रामपाल, बालक राम, विजय कुमार, सुखराम, शशिपाल, विपिन कुमार, कमलदेव, प्रकाश चंद, सुमन कुमार, श्याम लाल, जतिन व रामलाल आदि का कहना है कि स्वारघाट में ट्रॉमा सेंटर की जरूरत नहीं है। जबकि सरकार व विभाग द्वारा यहां ट्रॉमा सेंटर बनाया गया और 2017 में इसका उद्घाटन भी किया गया है, लेकिन यहां न तो स्टाफ  है और न ही मशीनरी, जिसके चलते ट्रॉमा सेंटर का भवन पिछले कई सालों से बेकार पड़ा है, तो वहीं पीएचसी में नियमित रूप से डाक्टर नहीं हैं। स्वारघाट पीएचसी में अगर डाक्टर नियमित रूप से उपलब्ध हो तो रोजाना की ओपीडी 50 से 100 के बीच होती है। लोगों ने बताया कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बिलासपुर या नालागढ़ जाना पड़ रहा है। उन्होंने ने सरकार व विभाग से मांग की है कि स्वारघाट पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड किया जाए।