होली-बजोली प्रोजेक्ट में उत्पादन जल्द
शिमला-भरमौर तहसील में रावी नदी पर निर्माणाधीन होली-बजोली बिजली परियोजना अगले साल के मध्य में उत्पादन में आ जाएगी। निजी क्षेत्र में बनने वाली इस बड़़ी परियोजना का हिमाचल को तोहफा मिलेगा, क्योंकि लंबे समय से निजी क्षेत्र में यहां बिजली प्रोजेक्ट तैयार नहीं हुए हैं। 180 मेगावाट की इस परियोजना का निर्माण जीएमआर गु्रप कर रहा है, जो इससे पहले नेपाल व उत्तराखंड में भी बिजली परियोजना का निर्माण कर चुका है। इस प्रोजेक्ट को करीब चार साल के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है, जिसने कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बाद 16 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई का काम पूरा कर लिया है। यहां पर पहले छह माह और फिर सात माह तक खुदाई का काम नहीं हो सका। बावजूद इसके चार साल में परियोजना प्रबंधकों ने सुरंग की खुदाई पूरी की। इतना ही नहीं, साढ़े आठ किलोमीटर तक सुरंग की कंकरीट लाइनिंग का काम भी पूरा कर दिया गया है। शेष पर काम तेजी से चल रहा है और कुछ महीनों में ही इसे पूरा कर दिया जाएगा। इसके अलावा होली-बजोली परियोजना में डैम, पावर हाउस के निर्माण और पैनस्टॉक के निर्माण ने भी गति पकड़ी है। जो सुरंग निकाली गई है, वह डैम साइट नयाग्रां-बजोली से पावर हाउस साइट होली तक निकाली गई है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में रावी व चिनाब दो ऐसे बेसिन हैं, जहां पर परियोजनाओं के काम रुके हुए हैं। यहां पर दूसरे बेसिन से ज्यादा कठिनाइयां निवेशकों के सामने हैं और यही वजह है कि प्रोजेक्टों के निर्माण की ऱफतार कम है। हाल ही में सरकार ने भी कई तरह की रियायतें इन बेसिन पर परियोजना उत्पादकों के लिए घोषित की हैं। होली-बजोली परियोजना की बिजली को बाहर निकालने के लिए ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण का काम भी चल रहा है। एसपी बंसल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि प्रोजेक्ट अगले साल के मध्य में उत्पादन में आ जाएगा। इसके निर्माण में स्थानीय लोगों व प्रशासन का पूरा सहयोग मिला है। हिमाचल को इस परियोजना का तोहफा जल्द ही मिलेगा
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