185 फील्ड कर्मियों के सहारे 475 स्कीमें

By: Dec 14th, 2019 12:20 am

नेरवा –आईपीएच डिवीजन नेरवा में कर्मचारियों के खाली पड़े पदों के चलते पेयजल एवं सिंचाई की विभिन्न योजनाओं को चलाना विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। डिवीजन में आज हालत यह है कि वर्ष 1984 में नेरवा में विभाग का आईपीएच मंडल खुलने के समय जो पद मंजूर किऐ गए थे उनमें कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है जबकि सिंचाई और पेयजल योजनाएं कई गुना बढ़कर पांच सौ के करीब पंहुच गई हैं। आईपीएच डिवीजन नेरवा में फील्ड व अन्य स्टाफ  की कमी के कारण आये दिन उपभोक्ताओं के साथ-साथ यहां कार्यरत कर्मचारियों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अक्सर देखा गया है कि पेयजल स्कीमों के बाधित होने पर उपभोक्ताओं का गुस्सा विभाग के कर्मचारियों पर फूट पड़ता है। विभाग इस समय मंडल के तहत आने वाले 352 राजस्व गांव की 1348 बस्तियों में चालू 475 विभिन्न योजनाओं के तहत पीने और सिंचाई का पानी उपलब्ध करवा रहा है व इसके आलावा दर्जनों नई स्कीमें निर्माणाधीन हैं। मंडल में इस समय फील्ड स्टाफ  के कुल 291 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 106 यानि चालीस फीसदी के करीब पद खाली पड़े हुए हैं। इनमें भी कई पद तो चार पांच साल तक से खाली हैं। कायदे से एक स्कीम को चलाने के लिए कम से कम दो कर्मचारी होने चाहिए। परन्तु यहां पर तो इसके उलटा एक कर्मचारी के पास दो से तीन स्कीमों का जिम्मा है। मंडल के तहत रिक्त पदों का सिलसिलेवार ब्यौरा कुछ इस प्रकार है। स्टोर लिपिक दो में से दो, वर्क इंस्पेक्टर दस में से चार, सर्वेयर पांच में से चार, चालक तीन में से एक, फील्ड स्टाफ  का अहम हिस्सा माने जाने वाले फिटर के तीस में से 16 पद रिक्त होने से विभाग पंगू होकर रह गया है। इसी प्रकार चौकीदार के बीस में से सोलह, बेलदार के 78 में से पांच जबकि पंप अटेंडेंट के सभी 16 पद रिक्त पड़े हुए हैं। इसके अलावा ड्राइंग कैडर में वर्क इंस्पेक्टर के स्वीकृत दोनों पद, फिटर के भी स्वीकृत सभी दस पद, मेसन के भी दोनों पद बेलदार के 100 में से 24 पद एवं चौकीदार व पंप अटेंडेंट का स्वीकृत एक-एक पद खाली पड़ा हुआ है। करीब 35 साल पहले स्वीकृत 291 स्वीकृत पदों में से इन 106 रिक्त पदों को देखते हुए विभाग की हालत का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विभागीय सूत्रों की माने तो वर्तमान में चल रही 475 पेयजल व सिंचाई योजनाओं को सही और सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्तमान में स्वीकृत पदों के अतिरिक्त चार सौ से अधिक और कर्मचारियों की आवश्यकता है। अब यदि कार्यालय स्टाफ की बात की जाए तो स्थिति यहां पर भी कोई ज्यादा संतोषजनक नजर नहीं आती। कार्यालय स्टाफ  के भी 52 में से 19 यानी करीब चालीस फीसदी पद रिक्त हैं। इनमें सहायक अभियंता का एक, ड्राफ्ट्समैन का एक, कनिष्ठ अभियंता के दो वरिष्ठ सहायक के चार, कनिष्ठ सहायक एक, स्टेनो का एक, सहायक केमिस्ट का एक, प्रयोगशाला सहायक का एक, चौकीदार के तीन व स्वीपर के तीन पद खाली पड़े हुए है। आईपीएच डिवीजन नेरवा में फील्ड व कार्यालय स्टाफ  की इस भारी कमी के चलते विभाग को न केवल फील्ड में चल रही पेयजल व सिंचाई योजनाएं चलाने में दिक्कतें आ रही है अपितु कार्यालय संबंधी कार्य भी प्रभावित होना भी लाजिमी है। बहरहाल विभाग में स्टाफ  की यह कमी जहां उपभोक्ताओं पर आये दिन भारी पड़ रही है वहीं फील्ड में तैनात कर्मियों को भी कई बार उपभोक्ताओं के गुस्से का शिकार होना पड़ता है।


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