8500 स्कूलों में बंद होगी नर्सरी-एलकेजी-यूकेजी

By: Dec 4th, 2019 12:02 am

चंडीगढ़ – अब नर्सरी, एलकेजी व युकेजी के नाम पर कोई भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल अवैध कक्षाओं का संचालन नहीं कर पाएगा, क्योंकि मौलिक शिक्षा निदेशालय हरियाणा ने प्रदेशभर के करीब 8500 निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी व युकेजी कक्षाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कराए जाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों से तुरंत रिपोर्ट भी तलब की है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के साथ-साथ महिला एवं बाल विभाग के निदेशक को भी पत्र जारी कर इस संबंध में निर्देश दिए हैं। दरअसल स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय में 10 जून 2019 को शिकायत दी थी, जिसमें यह यह हवाला दिया गया था कि हरियाणा स्कूली शिक्षा नियमावली के अनुसार किसी भी मान्यता प्राप्त निजी स्कूल में केवल कक्षा पहली से बारहवीं तक ही कक्षाओं का संचालन किया जा सकता है, जबकि नर्सरी, एलकेजी व युकेजी की कक्षाएं लगना किसी भी नियम में नहीं हैं। इस तरह की अवैध रूप से निजी स्कूलों में लगाई जा रही कक्षाओं को तुरंत बंद कराए जाने की मांग की गई। इस पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने शुरुआत में तो कोई कदम नहीं उठाया, लेकिन अपनी ही शिकायत पर शिक्षा निदेशालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होता देख बृजपाल परमार ने इस संबंध में मौलिक शिक्षा निदेशालय से आरटीआई के तहत 22 अक्तूबर को जानकारी मांगी। इसके बाद मौलिक शिक्षा निदेशालय हरकत में आया और इस संबंध में सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को हरियाणा में चल रहे मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के अंदर अवैध तरीके से चलाई जा रही नर्सरी, एलकेजी व युकेजी कक्षाओं को तुरंत प्रभाव से बंद कराए जाने के आदेश दिए। अकेले भिवानी में करीब 300 निजी स्कूलों में इस तरह की अवैध कक्षाओं का संचालन हो रहा है।

अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे स्कूल

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया कि मान्यता प्राप्त निजी स्कूल नर्सरी, एलकेजी व युकेजी कक्षाओं के नाम पर अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। इन कक्षाओं में नामी स्कूल बच्चों को प्रवेश के लिए भी मोटा चंदा उगाही व दाखिला फीस वसूल कर रहे हैं। अभिभावक भी बिना कुछ सोचे समझे निजी स्कूलों द्वारा दिखाए गए सब्जबाग के झांसे में आकर बच्चों को इन कक्षाओं में दाखिल करा देते हैं। फिर हर माह उनसे मोटी फीस वसूली होती हैं, जबकि एनुअल चार्ज के नाम पर भी मोटी रकम ऐंठी जा रही है। जबकि हरियाणा शिक्षा नियमावली में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है।


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