अपर्याप्त नींद से मोटापा-मधुमेह का खतरा
नींद स्वाभाविक रूप से होने वाली आवधिक स्थिति, जिसमें मन और शरीर दोनों शामिल
पंचकूला –सीनियर सिटीजन काउंसिल पंचकूला के 100 सदस्यों ने डा. भास्कर आज़ाद, मेडिकल डायरेक्टर तथा स्लीप मेडिसिन स्पेशलिस्ट, दि स्लीप क्लीनिक द्वारा दी गई कॉमन स्लीप डिसॉर्डर इन एजल्डली एंड दि मैनेजमेंट पर एक सेशन में हिस्सा लिया। डा. भास्कर का पंचकूला की सीनियर सिटीजन काउसिल के प्रेजिडेंट आरपी मल्होत्रा ने बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया। डा. भास्कर ने बताया कि नींद एक स्वाभाविक रूप से होने वाली और आवधिक स्थिति है, जिसमें मन और शरीर दोनों शामिल होते हैं। यह शरीर की शक्तियों को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण है और अच्छे स्वास्थ्य, व्यायाम और संतुलित आहार के तीन प्रमुख स्तंभों में से एक है। शोध से पता चलता है कि पर्याप्त नींद नहीं लेने से उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने नींद के विभिन्न चरणों पर भी विस्तार से बताया और नींद के दौरान शरीर के प्रत्येक अंग को कैसे प्रभावित किया जाता है। उदाहरण के लिए, फेफड़ों के मामले में श्वास धीमी हो जाती है और अधिक नियमित हो जाती है। मांसपेशियों के मामले में वृद्धि हार्मोन जारी किया जाता है, जो रिपेयर और रिकवरी में सहायता करता है। मस्तिष्क मेंए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जाता हैए यादें संसाधित होती हैं और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बहाल होती है। हृदय के मामले मेंए हृदय गति और रक्तचाप नीचे जाते हैं। नींद के दौरान मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित किया जाता है और पाचन धीमा हो जाता है। ष्नींद की गुणवत्ता के साथ.साथ नींद की मात्रा भी बहुत महत्वपूर्ण है। डा. भास्कर ने कहाए शिशुओं और बच्चों को 10.16 घंटे की नींद की जरूरत होती हैए किशोरों को 9.10 घंटे की नींद की जरूरत होती है और वयस्कों को 7.9 घंटे की नींद की जरूरत होती है। डॉ भास्कर ने बुजुर्गों में सामान्य नींद विकार पर विस्तार से बताया कि खर्राटे और स्लीप पनिया हाइपर्सोमनिया दिन में अधिक नींद आना सर्केडियन रिदम डिसऑर्डर, पैरासोमनिआस, अनिद्रा और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम है। स्लीप क्लिनिक इस क्षेत्र का पहला केंद्र है जो एडल्ट और पेडियाट्रिक स्लीप हेल्थको समर्पित है।
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