आखिर कब बसें खरीदेंगे प्राइवेट स्कूल

 शिमला में निजी स्कूलों के पास अभी भी अपनी बसें नहीं, नए सत्र के लिए कुछ ही समय बाकी

शिमला-राजधानी शिमला में निजी स्कूलों के पास अभी भी अपनी बसें नहीं हैं, जबकि अब शिमला में एक माह बाद नया सत्र शुरू होना है। सरकार के आदेशों के बाद भी प्राइवेट स्कूल अपनी बसें खरीदने का प्रोसेस पूरा नहीं कर पाए। हालांकि शहर के इक्का-दुक्का स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी अलग बसें खरीद ली हैं। ये शहर के बड़े-बड़े निजी स्कूल हैं। बता दें कि शिमला में मार्च माह में नया सत्र पूरी तरह से शुरू हो जाएगा। हालांकि इससे पहले फरवरी में भी निजी स्कूलों में बड़ी क्लासेज शुरू हो जाती हैं। ऐसे में सरकार के आदेशों के बाद स्कूलों को सत्र शुरू होने से पहले अपनी बसें छात्रों की सुरक्षा को लेकर खरीदनी चाहिए थीं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग अभी तक इन बसों को नहीं खरीद पाया। साफ है कि निजी स्कूलों में शुरू होने वाले नए सत्र से भी छात्रों को सरकारी बसों में ही स्कूल लाने व घर छोड़ने का काम करना पड़ेगा। पिछले वर्ष खलीणी बस हादसे के बाद भी निजी स्कूल प्रबंधन छात्रों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है, जबकि इस हादसे में मासूमों ने अपनी जान तक गंवा दी थी। इस हादसे से सरकार व प्रशासन ने तो सबक ले लिया, लेकिन स्कूल प्रबंधन की नींद नहीं खुली। उधर, जिला प्रशासन भी दर्जनों निजी स्कूलों से अपनी प्राइवेट बसें खरीदने का दबाव नहीं बना पाए। गौर हो कि जिला प्रशासन ने बार-बार स्कूलों को नोटिस जारी किए। वहीं, अपनी निजी बसें खरीदने के लिए आर्थिक रूप से मदद करने का भी आश्वासन दिया था। इसके लिए जिला प्रशासन ने परिवहन विभाग से बसें खरीदने में निजी स्कूलों की सहायता करने को भी कहा था। बावजूद इसके अभी तक ये बसें नहीं खरीदी गई हैं। फिलहाल यह साफ है कि नए सत्र से भी पुरानी खटारा बसों में ही स्कूल में जाना पड़ेगा। गौर हो कि शिक्षा विभाग का कहना है कि नए सत्र से सभी निजी स्कूलों से छात्रों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम की रिपोर्ट सभी स्कूलों को भेजनी होगी। इसमें निजी स्कूलों को नोटिस बोर्ड में छात्रों को दी जाने वाली सुविधाएं और उनके अधिकारों को नोटिस बोर्ड पर लगाना होगा। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को यह आदेश जारी करने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि कई स्कूलों को आदेश जारी भी हो चुके हैं। शिक्षा विभाग ने शहर के निजी स्कूलों पर नजर रखने के लिए अलग से कमेटियों का गठन भी कर दिया है। ये कमेटियां सत्र शुरू होने के बाद ही निजी स्कूलों का निरीक्षण करना शुरू कर देंगी।