केजरीवाल के ट्वीट ने याद दिलाया 1971, 2019
केजरीवाल ने भी दिल्ली चुनाव में भ्रष्टाचार हटाने का नारा दिया है। उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज सकते हुए ट्वीट किया, ‘एक तरफ – भाजपा, JD(U), एलजेपी, जेजेपी, कांग्रेस, आरजेडी। दूसरी तरफ, स्कूल, अस्पताल, पानी, बिजली, फ्री महिला यात्रा, दिल्ली की जनता। मेरा मकसद है, भ्रष्टाचार हराना और दिल्ली को आगे ले जाना, उनका सबका मकसद है, मुझे हराना।’ दरअसल, केजरीवाल का यह ट्वीट 1971 में इंदिरा और 2019 में पीएम मोदी के नारे के जैसा ही है।
‘गरीबी हटाओ’ नारे ने दिलाई थी इंदिरा को बंपर जीत
1971 लोकसभा चुनाव में इंदिरा ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था, जिसकी वजह से उन्हें भारी जीत मिली। दरअसल, बैंकों के राष्ट्रीयकरण और प्रिवीपर्स खत्म कर देने जैसे अपने फैसलों को अदालत में चुनौतियां दी गईं थीं। इसके खिलाफ इंदिरा ने 14 महीने पहले ही लोकसभा भंग करने की सिफारिश कर दी। 1971 के मार्च में हुए इस चुनाव के लिए इंदिरा ‘गरीबी हटाओं’ का नारा दिया था। चुनाव प्रचार में इंदिरा ने कहा था, ‘वो कहते हैं इंदिरा हटाओ, हम कहते हैं गरीबी हटाओ।’ इंदिरा के नारे ने कमाल का जादू किया और इस चुनाव में कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटें भी हासिल की थीं। 1967 में कांग्रेस को 283 सीटों पर जीत मिली थी और इस लोकसभा चुनाव के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 352 हो गया। इस चुनाव में कुल 54 पार्टियों ने अपना भाग्य आजमाया था। सीपीआई (एम) 29 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। वहीं मोरारजी देसाई की कांग्रेस (ओ) को 16 सीट मिलीं और वह तीसरे नंबर की पार्टी बनी।
मोदी ने कहा था-भ्रष्टाचार हटाओ, मिली जोरदार सफलता
पीएम मोदी ने भी 2019 के चुनावों में भ्रष्टाचार हटाने का नारा दिया था। उन्होंने कहा था कि वह कहते हैं कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार और गरीबी मिटाओं तो वे (विपक्षी) कहते हैं मोदी हटाओ। उन्होंने जनसभाओं में कहा था कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार और गरीबी हटाना उनका मिशन है। चुनावों में मोदी का यह नारा चल निकला और बीजेपी ने इस चुनाव में अकेले दम पर 303 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की और मोदी दूसरी बार देश के पीएम बने।
नारे के दम पर केजरी फिर बनेंगे सीएम?
केजरीवाल के ट्वीट को भी विपक्षियों पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है। केजरीवाल ने अपने ट्वीट में अपने कामों का जिक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा है। ज्यादातर सर्वे में दिल्ली में केजरीवाल को बढ़त मिलते हुए दिखाया गया है ऐसे में केजरीवाल अपनी ओर से भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। विपक्ष की धार को कुंद कर वह बड़ी बढ़त बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।