एक्सटेंड होगा कंदरोड़ी इंडस्ट्रियल एरिया

शिमला – उद्योगों के लिए जमीन की तलाश में जुटे उद्योग विभाग ने अपने एक इंडस्ट्रियल एरिया को और एक्सटेंड करने की सोची है। विभाग ने निर्णय लिया है कि कंदरौड़ी इंडस्ट्रियल एरिया को एक्सटेंड किया जाएगा, ताकि यहां कुछ और उद्योग बसाए जा सकें। कंदरोड़ी के लिए विभाग के पास डिमांड है और यह डिमांड पूरी करने के लिए उसने यहां 400 बीघा एरिया एक्सटेंड करने की सोची है। यह जमीन हासिल करने के लिए मामला राजस्व विभाग को भेजा गया है और जल्द से जल्द इसकी मंजूरी मांगी गई है। कंदरोड़ी को विकसित करने के लिए सरकार को खुद ही पैसा खर्च करना होगा। इससे पहले यहां के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि प्रदेश को दी थी। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में राज्य के लिए दो इंडस्ट्रियल एरिया मिले थे, जिसमें कंदरोड़ी व पंडोगा शामिल थे। इन्हें विकसित करने के लिए पैसा भी केंद्र ने दिया था। अब प्रदेश सरकार कुछ नए इंडस्ट्रियल एरिया यहां विकसित करना चाहती है, मगर उस पर पूरा खर्च प्रदेश सरकार को ही करना है। अब केंद्र सरकार इनके लिए पैसा नहीं देने वाली है, मगर यहां पर इन्वेस्टर्स मीट के साथ किए गए एमओयू को धरातल पर उतारने की चुनौती है, इसलिए उद्योग विभाग ज्यादा से ज्यादा जमीन की तलाश में है। कुछ और स्थानों पर भी निवेश को उतारने के लिए विभाग को जमीन मिली है, लेकिन उसने यह भी सोचा है कि जो इंडस्ट्रियल एरिया पहले से यहां पर मौजूद है, उनको और विकसित किया जाए। इसकी संभावनाओं पर काम किया जा रहा है और कंदरौड़ी में विभाग को 400 बीघा जमीन मिली है। जल्द ही इसकी औपचारिकताओं को पूरा करने के साथ इसे विकसित करने का काम किया जाएगा, क्योंकि निवेशक यहां पर सीमाई क्षेत्रों में ही निवेश करना चाहते हैं और पहले से विकसित प्लॉट को लेकर उनका रूझान है। इसलिए उद्योग विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। उसे ऐसे प्लॉट विकसित करने के साथ सीमाई क्षेत्रों में जमीन की तलाश है।

जमीन की तलाश में जुटा विभाग

उद्योग विभाग इन दिनों जमीन की तलाश में जुटा है, जिसके लिए सभी जिलाधीशों को भी कहा गया है, लेकिन उतना रूझान विभाग को इनसे नहीं मिल पाया है। यहां 96 हजार करोड़ के एमओयू हो चुके हैं और 14 हजार करोड़ की ग्राउंड ब्रेकिंग भी हुई है। फिलहाल कंदरौड़ी को एक्सटेंड करने की योजना है, जिस पर विभाग के प्रयास शुरू हो गए हैं।