एचपीयू… 3 माह में सेंकी 40 लाख की आग

By: Jan 17th, 2020 12:23 am

शिमला – हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में केरोसिन हीटर पर तीन महीने में 40 लाख का खर्चा आ रहा है। केरोसिन तेल का इतना बिल बनने पर विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैरान हैं। यही वजह है कि उन्होंने रजिस्ट्रार को केरोसिन हीटर का इतना खर्चा होने पर रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि कुलपति ने रजिस्ट्रार से इस बाबत रिपोर्ट तो मांगी, लेकिन रजिस्ट्रार ने रिपोर्ट भी नहीं सौंपी और साथ ही केरोसिन तेल भी स्टॉव के लिए नहीं मंगवाया। यही वजह रही कि गुरुवार को केरोसिन तेल खत्म होने की वजह से कोई भी स्टॉव कर्मचारियों का नहीं चला। इस वजह से पूरा दिन कंपकंपी वाली ठंड के बीच कर्मचारी काम करते रहे। गुस्साए कर्मचारियों ने प्रशासनिक भवन के लास्ट फ्लोर में गेट मीटिंग की। इस बैठक में कर्मचारियों का गुस्सा प्रशासन के खिलाफ खूब फूटा। इस बैठक में कर्मचारियों के चुने हुए प्रतिनिधियों ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर आज तक सुचारू रूप से शीतकालीन सत्र में जल रहे केरोसीन स्टोव को प्रशासन द्वारा इस कड़ाके की सर्दी के दिनों में अचानक बंद करने का निर्णय सही नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि एचपीयू में इन स्टॉव में लगने वाले केरोसिन तेल के लिए सरकार से प्रयाप्त बजट मिलता है और मार्च माह तक ये स्टोव जलाए जाते हैं। फिलहाल एचपीयू में केरोसिन हीटर को लेकर कर्मचारियों व छात्रों का विरोध इतना रहा कि पूरा दिन इसी को लेकर कैंपस में चर्चाएं गर्माई रहीं। कड़ाके की ठंड के बीच इस मुद्दे ने इतना तूल पकड़ा कि प्रशासन ने स्टॉव जलाने के लिए केरोसिन तेल की सप्लाई मंगवा ली। फिलहाल अब देखना होगा कि आज कर्मचारियों व लाइब्रेरी में छात्रों को केरोसिन हीटर सेंकने को मिलते हैं या फिर यह विरोध आगे भी चलता रहेगा। गौर हो कि एचपीयू में तीन महीने में 40 लाख का खर्चा केरोसिन हिटर पर आना एक बहुत बड़ी  बात है। यही वजह है कि कुलपति ने रजिस्ट्रार से रिपोर्ट मांगी थी कि कहीं किसी ब्रांच में इसका गलत इस्तेमाल या दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है। हालांकि दो हफ्ते पहले से यह जांच एचपीयू प्रशासन ने रजिस्ट्रार को सौंपी थी, बावजूद इसके कोई भी रिपोर्ट नहीं आई है।

केरोसिन हीटर बंद करने के नहीं दिए आदेश

एचपीयू के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने कहा कि लाइब्रेरी से लेकर प्रशासनिक भवन में हीटर बंद करने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। मात्र एचपीयू के रजिस्ट्रार से तीन महीने में तेल के लिए 40 लाख तक का खर्च क्यों आ रहा है, इसका जवाब मांगा गया है।

कर्मचारियों को कुछ ऐसी रहती थी शिकायत

बता दें कि इससे पहले एचपीयू में छात्रों और कर्मचारियों से ही शिकायतें आती थीं कि केरोसिन हीटर से उन्हें चक्कर व सिर में दर्द होती थी। अब उन्हीं केरोसिन हीटर के लिए छात्रों व कर्मचारियों का विरोध कई सवाल उठाता है।


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