रिकांगपिओ से पूह तक पांच हिमस्खलन किन्नौर जिला में 80 मार्गों पर थमे पहिए
जल्द बहाली की उम्मीद
बर्फबारी के बाद अभी भी जिला के 80 संपर्क मार्ग अभी भी बंद हैं और बिजली भी आंखमिचौनी खेल रही है, जिसके चलते लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ओसी बीआरओ 68 आरसीसी डीके राघव ने बताया कि सभी ग्लेशियर प्वाइंट्स पर मजदूरों व मशीनों की सहायता से ग्लेशियरों को सड़कों से हटाया जा रहा है और जिन स्थानों पर फिसलन है, वहां रेत और मिट्टी बिछाई जा रही है। जल्द ही सड़क बहाली की जाएगी।
बर्फ पर 14 किलोमीटर पैदल चल कंधों पर सीएचसी पहुंचाया मरीज
नौहराधार – तीन दिन के भीतर ही 14 किलोमीटर दूर से बर्फ पर चलकर एक और मरीज मंगलवार को सीएचसी हरिपुरधार पहुंचा। थके हारे लोगों ने मंदिर तक 108 एंबुलेंस को भेजने की मांग की, लेकिन खराब सड़क का हवाला देकर 108 सेवा के प्रभारी ने मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक कुपवी तहसील के हरनाह निवासी 23 वर्षीय अंकेश शर्मा तीन दिन से बीमार थे। मंगलवार को अंकेश की तबीयत जब ज्यादा बिगड़ गई, तो परिजन व गांव के लोग लकड़ी का एक स्ट्रेचर बनाकर उस पर लेटाकर बर्फ पर 14 किलोमीटर पैदल चलकर सीएचसी हरिपुरधार लेकर आए। प्राथमिक उपचार के बाद डाक्टर ने अंककेश को सोलन अस्पताल रैफर कर दिया। हरनाह गांव के लोग जब मरीज को लेकर हरिपुरधार आ रहे थे, तो उन्होंने लोक निर्माण विभाग के खिलाफ खड़ा रोष प्रकट करते हुए उन्हें खूब खरीखोटी सुनाई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी ने जो मशीनें हायर की हैं, वे बर्फ हटाने की बजाय सड़कों पर खड़ी हैं।
जहां एवलांच का ज्यादा खतरा तुरंत खाली करवाओ वे गांव
केलांग – लाहुल-स्पीति में मंगलवार को बर्फबारी का दौर थम गया। खराब मौसम के कारण घरों में कैद हुए लोगों ने जहां राहत की सांस ली, वहीं लाहुल में गिरते ग्लेशियरों ने लोगों का डरा डाला है। लाहुल-स्पीति प्रशासन ने जिला में खराब मौसम को ध्यान में रख हाई अलर्ट जारी कर रखा है, वहीं आपदा प्रबंधन की टीम को यह आदेश दिए गए हैं कि जिन गांवों पर ग्लेशियरों के गिरने का ज्यादा खतरा बना हुआ है, उन गावों से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया जाए। प्रशासन का कहना है कि लाहुल-स्पीति में मौसम विभाग ने 19 जनवरी तक जहां मौसम खराब बने रहने की चेतावनी जारी की है, वहीं प्रशासन इसे हल्के में नहीं ले सकता है। घाटी में जहां ग्लेशियरों के गिरने का दौर शुरू हो चुका है, वहीं एक बुजुर्ग की मौत भी अब तक हो चुकी है। ऐसे में टूटते ग्लेशियरों ने लाहुल को डरा डाला है।