एम्स में प्रभावित लोगों को मिले रोजगार

By: Jan 17th, 2020 12:20 am

बिलासपुर – बिलासपुर के कोठीपुरा में बन रहे एम्स संस्थान में निर्माण कार्य से प्रभावित स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग को लेकर एम्स निर्माण समन्वय समिति ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन को ज्ञापन प्रेषित किया। यह ज्ञापन गुरुवार को समिति के प्रतिनिधिमंडल ने समिति की अध्यक्ष किन्नर बिजली महंत की अगवाई में डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल को उनके कार्यालय में सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि यह कि एम्स निर्माण समन्वय समिति का बिलासपुर में एम्स खोलने के संघर्ष में अग्रणीय योगदान रहा है। एम्स खोलने की घोषणा से बिलासपुर, कोठीपुरा और राजपुरा के लोगों में यह उम्मीद थी कि एम्स खुलने से उन लोगों को एम्स में सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा, इसलिए यहां के लोगों में अत्यंत खुशी और उत्साह का माहौल था। एम्स संस्थान के लिए 1200 बीघा वन भूमि बिलासपुर के कोठीपुरा व राजपुरा पंचायतों की अधिगृहित की गई, जिसमें इस इलाका के वे तमाम लोग प्रभावित हुए जो इस वन भूमि पर अपने जीवन यापन के लिए आश्रित थे। ये तमाम लोग घास व लकड़ी के लिए पूरी तरह इन वनों पर आश्रित थे। इस प्रोजेक्ट को बनाने से पहले प्रशासन ने स्थानीय जनता की कोई भी जन सुनवाई आयोजित नहीं की और न ही जनता से कोई आपत्तियां ली गईं, जबकि नए भूमि अधिग्रहण नियम के अनुसार यह जन सुनवाई आयोजित की जानी अति आवश्यक थी। सरकार व प्रशासन ने लोगों को होने वाले नुकसान का भी कोई आकलन और अध्ययन न करवाया। जंगल से मिलने वाली तमाम सुविधाओं पशुपालन लकड़ी आदि के लिए निर्भरता को भी ध्यान में न रखा गया और न ही इसके लिए कोई समिति बनाकर इसका अध्ययन करके इसका आकलन किया गया। जंगल के बड़े हिस्से को साफ  करके सदा-सदा के लिए लोगों को उन सुविधाओं से महरूम कर दिया गया।  उन्होंने चेताया कि अन्यथा यदि हमारी न्यायोचित मांगें न मानी गई, तो तमाम स्थानीय लोग एम्स निर्माण समन्वय समिति के बैनर तले संघर्ष करने को बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी। इस प्रतिनिधिमंडल में सुषमा ठाकुर, विक्रम ठाकुर, ईशान खान, नरेश ठाकुर व अजय कुमार सहित अन्य शामिल रहे।


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