कर्मचारियों की समस्या का समाधान हो

By: Jan 21st, 2020 12:05 am

कर्म सिंह ठाकुर

मंडी

फरवरी महीने में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी विधानसभा में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करेंगे। यह उनका तीसरा बजट होगा। वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा राज्य विधानसभा को सूचित किया कि राज्य पर 49,096 करोड़ रुपए का कर्ज है। ऐसे में सामाजिक सेवाओं, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कर्मचारियों को संतुष्ट करना प्रदेश सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती है। इसी वर्ष हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। काफी लंबे समय से भाजपा के अध्यक्ष पद की जद्दोजहद समाप्त हो गई। भाजपा अध्यक्ष पद का ताज सोलन जिला से संबंध रखने वाले डाक्टर राजीव बिंदल के सिर सजा। अब कैबिनेट में दो खाली चल रहे मंत्री पदों को भरना बाकी बचा है। गत वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा धर्मशाला में इन्वेस्टर मीट, लोकसभा चुनावों में तथा उपचुनाव धर्मशाला व पच्छाद में अच्छा प्रदर्शन करके प्रदेश की जनता का विश्वास हासिल किया है। सरकार की सफलता जनता के जनमत पर निर्भर करती है। प्रदेश की जनता ने माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के नेतृत्व में गत वर्ष 2019 में अपार जनमत दिया है। अब बजट में प्रदेश की जनता माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अधिक से अधिक आम जनता की समस्याओं से मुक्ति का रास्ता चाहती है। वर्तमान में प्रदेश सरकार अनुबंध कर्मचारियों के माध्यम से नियुक्तियां कर रही है, जिसमें पिछले एक दशक से अनेकों विसंगतियां पैदा हो गई है। किसी भी सरकार में उसके कर्मचारी उसकी रीढ़ की हड्डी होते हैं क्योंकि सरकार को अपना संपूर्ण काम-काज कर्मचारियों के बलबूते ही चलाना होता है। प्रदेश में काफी लंबे समय से अनुबंध कर्मचारी नियमित रूप से विभिन्न मंचों के माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी मूलभूत मांगों को रखते आ रहे हैं। पिछले एक वर्ष से विभिन्न तरह के समाचार पत्रों में हर रोज अनुबंध से नियमित व कर्मचारियों को डेट ऑफ  ज्वाइनिंग से सीनियरिटी तथा स्टडी लीव के प्रावधान की खबरें निरंतर सुर्खियों में रही हैं। भाजपा सरकार द्वारा अपने मेनिफेस्टो में अनुबंध कार्यकाल को 3 वर्ष से 2 वर्ष करने का वादा किया है। अब समय आ चुका है कि अनुबंध कार्यकाल को 2 वर्ष किया जाए तथा अनुबंध समय को स्टडी लीव में जोड़ने का प्रावधान किया जाए। अकसर युवा अवस्था में ही करियर बनाने का सर्वश्रेष्ठ अवसर होता है यदि कोई युवा कमीशन के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त कर लेता है तो उसे अपनी पढ़ाई को नियमित रखने के लिए प्रदेश में किसी भी तरह की कोई भी व्यवस्था नहीं है, यही कारण है कि हमारे प्रदेश में उच्चतर शिक्षा का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता ही जा रहा है। प्रदेश सरकार को युवाओं को अनुबंध भोगने के बाद यदि कोई युवा स्टडी लीव लेना चाहता है तो उसके अनुबंध कार्यकाल को जोड़ने का प्रावधान होना चाहिए।


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