कहीं भी बहस कर लें शाह

By: Jan 23rd, 2020 12:03 am

सीएए-एनआरसी पर अखिलेश-मायावती ने स्वीकारी केंद्रीय गृहमंत्री की चुनौती

लखनऊ – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर बहस की चुनौती देने के बाद अब इस मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के चीफ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायावती ने अमित शाह के इस बयान के बाद उनकी चुनौती स्वीकार करते हुए उन्हें खुले मंच पर बहस के लिए आमंत्रित किया है। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुस्लिम के मुद्दों का इस्तेमाल कर रही है। अखिलेश यादव से पहले कांग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल ने भी अमित शाह की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा था कि शाह बहस के लिए किसी स्थान का चुनाव कर लें। दरअसल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लखनऊ में सीएए के समर्थन में एक रैली के दौरान कहा था कि मैं डंके की चोट पर यह कह रहा हूं कि चाहे जिसे भी विरोध करना है वह कर ले, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून वापस नहीं लिया जाएगा। शाह ने इस भाषण के दौरान ही समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को बहस की चुनौती दी थी। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए अखिलेश ने कहा कि शाह सीएए ही नहीं, विकास के भी मुद्दे पर उनसे खुले मंच पर बहस कर लें। वह इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं। लखनऊ में समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद संबोधन में अखिलेश ने कहा कि गृहमंत्री ने अपने भाषण में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जो कि सही नहीं हैं। अखिलेश ने यह भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हिंदू-मुसलमान का मुद्दा छेड़ रही है। उधर, मायावती ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। मायावती ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया कि अति-विवादित सीएए/ एनआरसी/ एनपीआर  के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष और आंदोलित हो जाने से परेशान केंद्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को बसपा किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।

 


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