कैसे डूबी बच्ची… जांच शुरू

दौलतपुर चौक –सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौलतपुर चौक में एक नन्ही बच्ची के ढक्कन रहित सैप्टिक टैंक में गिरकर हुई मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डा. रमन कुमार शर्मा ने  सोमवार को अपनी टीम सहित घटनास्थल का जायजा लिया और अस्तपाल प्रशासन से ऊक्त घटना के बारे अहम जानकारी हासिल की। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग दो दिन में रिपोर्ट तैयार करके स्वास्थ्य मंत्री को भेजेगा, क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री खुद इस घटना से क्षुब्द है और उन्होंने इसका कड़ा संज्ञान लिया है। जबकि विपक्ष भी इस मामले को उठाकर जांच की मांग कर चुका है। नन्ही बच्ची के डूबकर मरने के मामले में उच्चाधिकारियों के दौरे और जांच इत्यादि से अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है और विभाग इस मामले की तह में जाने का भरसक प्रयास कर रहा है कि इस मामले में अस्पताल प्रशासन दोषी है अथवा कोई और। गौर रहे नन्ही परी की मौत को लगभग तीन दिन बीत चुके है, परंतु अभी तक उसके पिता भूपिंद्र सिंह एवं माता कमलेश कुमारी अभी तक यकीन ही नहीं कर पा रहे है कि उनकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है। वह कयास लगाए इधर-उधर देख रहे है, कब हंसती खेलती परी मां को पुकारती हुई इधर से आएगी। तीन दिन बीत जाने के बाद भी इस क्षेत्र के लोग सहमे हुए है और अपने नन्हे बच्चों को अपनी आंखों से दूर नही जाने दे रहे। हर किसी की जुबान पर एक ही प्रश्न है कि परी की मौत का जिम्मेदार कौन है। आखिर क्यों ढक्कन रहित खुला पड़ा था, सेप्टिक टैंक का गड्ढा आखिर व्यस्तम रहने वाले इस अस्पताल में क्यों नहीं इस खुले गड्ढे पर किसी की नजर गई और नजर गई भी तो क्यों इसे नजरअंदाज कर दिया गया। बस इन्हीं सवालों के  इंतजार में है परी के अभिभवावक एवं आम जनता। काबिलेगौर है की शुक्रवार को अढ़ाई वर्षीय परी खेलते-खेलते सेप्टिक टैंक में गिर गई थी और दो घंटे बाद जब उसे सेप्टिक टैंक से निकाला गया था तो बच्ची की कुछ देर बाद मौत हो गई थी। परी की मौत के तीन दिन बाद भी प्रशासन खाली हाथ खड़ा है और मात्र कागजी लीपापोती चली होने से बुद्धिजीवी वर्ग प्रशासन पर सवाल दाग रहा है।

बच्ची की मौत पर सीएमओ ने दिए जांच के आदेश

दौलतपुर चौक। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौलतपुर चौक में एक बच्ची के सैप्टिक टैंक में गिरकर हुई मौत के मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डा. रमण कुमार शर्मा ने जांच के आदेश दिए हैं। सीएमओ ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं तथा अधिकारी को दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि अगर जांच रिपोर्ट में कोई विभागीय अधिकारी दोषी पाया गया तो उसके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।