गए थे ट्रेक्टर में और बिल टैक्सी का

इंडस्ट्रियल विजिट फर्जीबाड़े की जांच जल्द पूरी करने के निर्देश

शिमला – हिमाचल में शिक्षा विभाग में एसएसए और आरएमएसए के तहत बच्चों को इंडस्ट्रियल विजिट तो करवाई, लेकिन उसके फर्जी बिल विभाग को सौंप दिए गए। स्कूली बच्चों को विजिट करवाने के लिए बाइक और टै्रक्टर तक का इस्तेमाल किया गया, लेकिन जो बिल विभाग को सौंपे गए वह टैक्सियों के थे। यानी कंपनी ने विभाग को यह बताया कि बच्चों को विज़िट करवाने के लिए टैक्सी हायर की गई, लेकिन ऐसा नहीं पाया गया। फिलहाल अब इस लटकी जांच को पूरी करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान ने उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है। इसमें  लिखा गया है कि इस अधूरी जांच को जल्द पूरा किया जाए। समग्र शिक्षा अभियान की ओर से उच्च शिक्षा विभाग को यह भी बताया गया है कि विभाग को दो बार पहले भी रिमांडर भेजा गया है कि जांच को पूरा किया जाए, लेकिन अभी तक जांच पूरी ही नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले कांगड़ा के पूर्व उपनिदेशक को यह जांच सौंपी गई थी। उन्होंने भी प्रारंभिक रिपोर्ट में यह आशंका जताई कि इसमें फर्जीबाड़ा हुआ है। वह रिटायर हो गए, जिसके बाद स्टेट इंस्पेक्शन हैड शिक्षा विभाग को जांच सौंपी गई। उन्होंने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में 24 शिक्षकों और पिं्रसीपल्स को जांच के घेरे में लिया, लेकिन जांच पूरी नहीं हो पाई और वह सेवानिवृत्त हो गए। उसके बाद उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जांच किसी को भी नहीं सौंपी गई। बताया जा रहा है कि इस मामले में 16 लाख रुपए के घपले की आशंका है। ऐसे में अब अधूरी जांच को पूरा करने की कवायद शुरू की गई है।

ऐसे हुआ था घपला

वर्ष 2014-15 में विभिन्न स्कूलों द्वारा हुए इंडस्ट्रियल विज़िट में लाखों बिलों की गड़बड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि आरएमएसए और एसएसए की ऑडिट में गड़बड़ी को पकड़ा गया था, लेकिन अब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई है। अभी तक जांच रिपोर्ट में शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, बिलासपुर के स्कूलों में इंडस्ट्रियल विजिट में गड़बड़ी पाई गई है। आशंका यह जताई जा रही है कि कंपनी ने प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षकों और पिं्रसीपल्स के साथ मिलकर इस केस में फ्रॉड किया गया है।