गगरेट में टीसीपी ने रोका घरों का काम

गगरेट – टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट के लागू होने के बाद आम आदमी की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। आलम यह है कि इस अधिनियम के लागू होने के बाद अंब-गगरेट प्लानिंग एरिया में जहां कई लोग चाहकर भी भवन निर्माण नहीं कर पा रहे हैं तो जिन लोगों ने अपने खून-पसीने की कमाई से गृह निर्माण किया है उनके लाख कोशिशों के बाद भी नक्शे पास नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में इन भवनों में न तो बिजली का कनेक्शन मिल पा रहा है और न ही पेयजल की समुचित व्यवस्था हो पा रही है। हालांकि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट के विरुद्ध उठे विरोध के स्वरों के बाद प्रदेश सरकार ने भी इस एक्ट की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया था। लेकिन यह कमेटी भी अंब-गगरेट प्लानिंग एरिया के अंतर्गत आने वाले गांवों के लोगों को राहत नहीं दे पाई है। उपमंडल गगरेट की ग्राम पंचायत अंबोटा के कुलदीप सिंह ने अपना सपनों का घर बनाने के लिए अपने जीवन भर की पूंजी लगा दी तो गृह निर्माण के लिए ऋण भी उठा लिया। अब जब उसका घर बनकर तैयार है तो उसे पता चला कि बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से नक्शा पास करवाए उसे बिजली व पेयजल कनेक्शन नहीं मिलेगा। उसने नक्शा पास करवाने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी करके फाइल आगे सरकाई तो उसे पता चला कि टीसीपी विभाग से नक्शा पास करवाना नाकों चने चबाने जैसा है। यह कहानी महज कुलदीप सिंह की नहीं है बल्कि उसके जैसे कई लोग ऐसे हैं जो विभागीय पेचीदगियों के बीच पिस कर रह गए हैं। टीसीपी का जिन्न महज गृह निर्माण के रास्ते में ही रोड़े नहीं अटका रहा बल्कि अंब-गगरेट प्लानिंग एरिया में अगर किसी को जमीन की खरीद फरोख्त कर अपने जरूरी कार्य पूरे करने हैं तो उन्हें भी भारी परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। हद तो यह है कि सोमभद्रा नदी व इसकी सहायक खड्डों का तटीकरण हो जाने के बावजूद अंब-गगरेट प्लानिंग एरिया के कई क्षेत्र हाई फ्लड लेबल एरिया घोषित कर दिए हैं और ऐसे क्षेत्र में भवन निर्माण बिलकुल निषेध कर दिया गया है। यानी कि अपनी ही भूमि पर लोग चाहकर भी भवन निर्माण नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में लोग अब सीधे-सीधे इसके लिए प्रदेश सरकार को ही दोषी मानने लगे हैं। राष्ट्रीय जनकल्याण मंच के अध्यक्ष पंडित राम लुभाया का कहना है कि प्रदेश सरकार जनता को सुविधाएं प्रदान करने के लिए होती है, लेकिन टीसीपी एक्ट को लेकर प्रदेश सरकार का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना लग रहा है। आम जनता परेशान है, लेकिन सरकार जनता को राहत प्रदान करने में नाकाम सिद्ध हो रही है। उधर, अंबोटा गांव के रजनीश ठाकुर का कहना है कि टीसीपी एक्ट के चलते भवन निर्माण पर ब्रेक लगा दी है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ग्रामीण क्षेत्रों से टीसीपी एक्ट को अविलंब हटाने की मांग की है।