गुजरात दंगों के 17 दोषियों को बेल
सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त जमानत, समाज सेवा करने का आदेश
नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामले में 17 दोषियों को मंगलवार को शर्तों के साथ जमानत दे दी। उन्हें मध्य प्रदेश भेजने और सामाजिक, आध्यात्मिक सेवा करने के लिए कहा गया। सभी लोग सरदारपुरा गांव में भड़की हिंसा में दोषी करार दिए गए थे। चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बैंच ने दोषियों को दो समूहों में बांटा। उन्होंने कहा कि एक समूह मध्य प्रदेश के इंदौर में रहेगा, जबकि दूसरा समूह जबलपुर जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी दोषियों को हफ्ते में छह घंटे समाजसेवा करनी होगी। स्थानीय पुलिस स्टेशन में हर हफ्ते जमानत शर्तों के अनुसार हाजिरी लगानी होगी। इंदौर और जबलपुर में जिला विधिक सेवा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दोषी समाज सेवा और आध्यात्मिक कार्यों में शामिल रहें। अधिकारी दोषियों को आजीविका के लिए रोजगार खोजने में मदद करें। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा अधिकारी तीन महीने के बाद रिपोर्ट दें कि दोषियों ने शर्तों का पालन किया है या नहीं। जिन दोषियों को सरदारपुरा दंगा मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की थी। 2016 में गुजरात हाई कोर्ट ने निचली अदालत से दोषी करार 31 में से 14 को जमानत दे दी थी, जबकि 17 दोषियों की सजा बरकरार रखी थी। इस दंगे में 33 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। सरदारपुरा दंगे के मामले में पुलिस ने 76 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से दो की जांच के दौरान मौत हो गई थी और एक नाबालिग था।
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