गेहड़वीं, वनगढ़ में भी लगेंगे उद्योग

शिमला – बिलासपुर के गेहड़वी व ऊना जिला के तहत आने वाले वनगढ़ में उद्योग लगाने को जमीन की तलाश की जा रही है। यहां पर उद्योगों के माफिक जमीन है, जिस पर उद्योग विभाग इंडस्ट्रीयल एरिया  बसाना चाहता है। इस संबंध में सरकार को उद्योग विभाग की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया है। गेहड़वीं में फोरेस्ट लैंड का मामला है, जिसे सुलझाने के लिए भी कहा गया है। बताया जाता है कि इस जमीन का मामला एफसीए में मंजूरी के लिए जाएगा। उद्योग विभाग का मानना है कि बिलासपुर में यह जगह उद्योगों के लिए बेहतर होगी, जो कि सीमाई क्षेत्र से ज्यादा दूर भी नहीं है। राज्य में उद्योगों को बसाने के लिए जमीन की जरूरत है और लगातार जिलाधीशों से इस मामले में सहायता मांगी जा रही है। कई और स्थान भी उद्योग विभाग ने देखे हैं, जहां पर जमीन हासिल करने को राजस्व विभाग को मामला भेजा गया है। इसमें नालागढ़ के पास जमीन राजस्व विभाग से मांगी गई है, वहीं ऊना जिला में भी दो स्थान देखे गए हैं। यहां पर वनगढ़ में भी जमीन की तलाश की गई है, जिसका मामला भी सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। उद्योग विभाग का कहना है कि उसके पास निवेश के लिए कई प्रस्ताव आ चुके हैं। यहां पर निवेशकों के साथ एमओयू काफी संख्या में किए गए हैं, जिसके बाद जमीन की तलाश तेज कर दी गई है। प्रदेश में सरकार दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी मई या जून महीने में करने की सोच रही है और यह तभी संभव है जब उन उद्योगों को जमीन उपलब्ध करवा दी जाए, जिनको एनओसी मिल चुके हैं। उनको धारा 118 की इजाजत मिल गई है, जिसके बाद अब नए सिरे से ग्राउंड ब्रेकिंग की जानी है। राज्य का उद्योग विभाग जमीन के मामलों को सरकार से उठा चुका है। उसने राजस्व विभाग को जो मामले भेजे हैं उनकी अपडेट अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग ने भी मांगी है। पिछली बैठक में मुख्य सचिव से भी इसपर चर्चा की गई थी, वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी साफ  निर्देश दिए हैं कि दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग से पहले जमीन का इंतजाम किया जाए।

कुछ और स्थान भी देखे

उद्योग विभाग कुछ और स्थानों को भी देख चुका है, जहां पर इंडस्ट्रियल एरिया बन सकता है। चन्नौर व खन्नी के मामले पहले से चल रहे हैं, वहीं पंडोगा व कंदरौड़ी की भी एक्सटेंशन किए जाने की सोची गई है। अब गेहड़वीं व वनगढ़ भी फाइनल हो जाएं, तो उद्योगों के लिए काफी जमीन उपलब्ध रहेगी।