गैलरी का इस्तेमाल करेगा सचिवालय प्रशासन

शीशे का स्ट्रक्चर बनाने की है तैयारी, लोक निर्माण के वास्तुकारों से हुई चर्चा

शिमला –राज्य सचिवालय की ऑर्म्सडेल बिल्डिंग  में मौजूद कमरों के बाहर गैलरी का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। इस गैलेरी का निर्माण इसलिए किया गया था ताकि अधिकारी अपने कमरों के बाहर घूम फिर सकें और बाहर का नजारा लेकर रिलेक्स हों। मगर ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि ये गैलरी कबूतरखाना बन चुकी हैं। यहां पर कबूतरों का डेरा है जिसके चलते खिड़कियों के बाहर गंदगी रहती है। हर एक कमरे के बाहर गैलरी में यही स्थिति है जिस कारण अधिकारी या कर्मचारी यहां नहीं टहल पाते। ऐसे में अब सचिवालय प्रशासन विभाग ने निर्णय लिया है कि कमरों के बाहर मौजूद इस गैलरी का बेहतर इस्तेमाल किया जाए। इस खाली स्पेस को इस्तेमाल किया जाए, जिससे अधिकारियों या कर्मचारियों के लिए एक बेहतर जगह बन जाए। इस पर सचिवालय प्रशासन विभाग ने लोक निर्माण विभाग के वास्तुकारों के साथ चर्चा की है जिनको कहा गया है कि वह इस स्पेस के इस्तेमाल का रास्ता ढूंढ़ें। वैसे भी यहां अधिकारी व कर्मचारी कबूतरों का गढ़ बनी इस गैलेरी से परेशान हैं जहां पर काफी ज्यादा गंदगी रहती है। यहां काफी संख्या में कबूतर मौजूद हैं। इन कबूतरों को यहां से हटाने के लिए गैलेरी को बाहर से शीशों से कवर करने की सोची गई है। यह एक रास्ता है जिसके अलावा भी कुछ किया जा सकता है तो इसके बारे में निर्णय लेने को कहा गया है। अंदर के हिस्से में मौजूद खिड़कियों को हटाकर गैलेरी से बाहर शीशे का कवर लगाया जाए तो सचिवालय का यह हिस्सा ना केवल इस्तेमाल हो जाएगा बल्कि जाएगा सुंदर भी दिखेगा। सचिवालय प्रशासन की इस सोच को लेकर अधिकारी वर्ग भी खुश है जो खुद चाहते हैं कि इस तरह से इस्तेमाल हो तो उनका कमरा भी सुन्दर दिखेगा। बहरहाल लोक निर्माण विभाग के वास्तुकारों को इसपर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। यह गैलरी ऑर्म्सडेल भवन में ही है जहां पर सभी आईएएस अधिकारी बैठते हैं। इसके अलावा सचिवालय का दूसरा भवन इलर्जली है जिसमें मुख्यमंत्री व मंत्री बैठते हैं मगर वहां पर कमरों के बाहर इस तरह की गैलरी नहीं है। सचिवालय के तीसरे भवन का निर्माण भी हो रहा है जहां पर भी बाहर के स्पेस के लिए पहले से व्यवस्था की जाएगी ताकि वह इस तरह से कबूतरखाने में न बदल जाए।