जेएनयू विवाद में छपाक-छपाक

By: Jan 9th, 2020 12:06 am

दीपिका पादुकोण के दौरे पर गरमाई सियासत, सोशल मीडिया पर चला बॉयकॉट छपाक ट्रेंड

स्वतंत्र हैं दीपिका, बॉयकॉट का समर्थन नहीं

नई दिल्ली – बालीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और उनकी आने वाली फिल्म छपाक को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। दीपिका के जेएनयू जाने से कुछ लोग नाराज हैं तो कुछ लोग दीपिका को निडर बताकर उनका समर्थन भी कर रहे हैं और इसी वजह से सोशल मीडिया पर हैश बॉयकॉट छपाक और हैश सपोर्ट टू दीपिका दोनों ही ट्रेंड कर रहे हैं, जहां आम से लेकर खास लोग दीपिका को लेकर सोशल मीडिया पर कमेंट कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर से कई नेताओं ने भी दीपिका के जेएनयू जाने पर सवाल उठाए हैं। दीपिका पादुकोण के जेएनयू कैंपस जाने के साथ ही कुछ संगठन उनकी फिल्म छपाक के बॉयकॉट का ऐलान कर दिया है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसी भी संस्थान में जाने के लिए दीपिका स्वतंत्र हैं और हम फिल्म का बॉयकॉट नहीं करेंगे। दीपिका ने जेएनयू कैंपस में चोटिल छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष से मुलाकात की थी और दस मिनट तक वह कैंपस में रहीं। इसके बाद बीजेपी के ही कई नेताओं और समर्थकों ने उनकी फिल्म छपाक के बॉयकॉट की अपील की थी। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तजिंदर सिंह पाल बग्गा ने दीपिका को देशविरोधी ताकतों का समर्थन करने वाला बताया और उनकी फिल्मों के बॉयकॉट की मांग की थी। दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी ने भी दीपिका की आलोचना करते हुए उन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थक बताया। प्रकाश जावड़ेकर ने ऐसे बयान से पार्टी को अलग करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्र नागरिक होने के नाते दीपिका पादुकोण कहीं भी आने -जाने के लिए स्वतंत्र हैं। सिर्फ कलाकार नहीं हिंदुस्तान का हर स्वतंत्र नागरिक कहीं भी आने-जाने और विचारों को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है। हम उनकी फिल्म के बहिष्कार का समर्थन नहीं करते हैं। यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है।

हिंदुस्तान में सभी को बोलने का अधिकार

जेएनयू के विरोध प्रदर्शन में दीपिका पादुकोण के जाने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान में सभी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। दीपिका ने जो किया वह दिलेरीभरा काम है। भाजपा द्वारा उनकी फिल्म के प्रोमोशन करने वाली बात पर दिग्विजय सिंह कहा कि इनका तो यह है कि इनके खिलाफ आप कोई भाषण भी न दें और बोले भी नहीं, लेकिन अगर कोई इशारा भी कर दे तो वह इनका दुश्मन हो जाता है। इनका व्यवहार डेमोक्रेसी के विरुद्ध है, वे विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार हनन करते हैं।

मनोज तिवारी बताया देशभक्त सुपरस्टार

बालीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू जाने के बाद छिड़े विवाद पर भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने उनकी फिल्मों के बहिष्कार की बात कहीं है, मगर इसके उलट दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने उन्हें देशभक्त बताया है और कहा है कि उन्हे कोई गुमराह कर रहा है। मनोज ने कहा है कि उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि वह वहां किसका समर्थन करने गई थीं। वह कहते हैं कि बेशक दीपिका जेएनयू गई थी, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि वह देशद्रोही हैं। वह कहते हैं कि उनकी फिल्म छपाक का बहिष्कार नहीं होना चाहिए। वह एक देशभक्त सुपरस्टार हैं उन्हें कोई गुमराह कर रहा हैं।

दीपिका को ‘छपास’ रोग, देश जलाने वालों के साथ खड़ीं

मध्य प्रदेश बीजेपी के विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि दीपिका को ‘छपास’ रोग हुआ है और इसी वजह से वह देश जलाने वालों के साथ खड़ी हैं। मंत्री ने कहा कि देशद्रोहियों के साथ मिलकर एक्टिंग करती हैं। बीजेपी एमएलए ने दीपिका के अलावा मशहूर शायर जावेद अख्तर पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जावेद-दीपिका को समझ लेना चाहिए, लोग इनकी एक्टिंग को पसंद करते हैं, जब यह सभी देशद्रोहियों के साथ खड़े होंगे तो देश इनकी एक्टिंग पर ताली नहीं बजाएगा, बल्कि नापसंद करेगा, हिंदुस्तान देशभक्तों को पसंद करता है लेकिन देश के गद्दारों को पसंद नहीं करता है।

बालीवुड में लगता है दाऊद इब्राहिम का पैसा

बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा का बयान भी आया है, जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन की बात कही है। बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य विरोधी या राष्ट्रीय हित के विरोध में उठने वाली आवाज पर फिल्म जगत के लोग क्यों खड़े हो जाते हैं। सिन्हा ने सवाल पूछा कि क्या बॉलीवुड में लगा हुआ पैसा इस पर काम करता है? बॉलीवुड में स्वयं दाऊद इब्राहिम का भी पैसा लगा है। बॉलीवुड में लगने वाला काले धन भी संवेदनशीलता का विषय हैं। उन्होंने बॉलीवुड के लोगों से पूछा कि उस समय उनकी संवेदनशीलता कहां चली गई जब बाहर धर्म के आधार पर प्रताडि़त लोगों को स्थान दिया जाता है।

राजनीति करनी है, तो सामने से आएं

जेएनयू विवाद और दीपिका पादुकोण के जेएनयू में पहुंचने पर एबीवीपी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री अनिकेत ओव्हाल ने कहा है कि दीपिका को बालीवुड एक्ट्रेस की तरह ही काम करना चाहिए। उन्हें सबसे पहले जेएनयू विषय को समझना चाहिए, उसके बाद उन्हें किसी के साथ मंच साझा करना चाहिए। दीपिका जेएनयू में जाकर सिलेक्टिव राजनीति कर रही हैं और अगर उन्हें राजनीति करनी ही है तो वह राजनीति में सामने से आएं, जिसके बाद एबीवीपी मुद्दों पर उनसे बात करेगा। वहीं जब एबीवीपी के छात्र नेताओं से ‘छपाक’ फिल्म के बायकॉट पर सवाल पूछा तो एबीवीपी का कहना है कि देश पूरा घटनाक्रम देख रहा है और देश के लोग तय करेंगे कि उन्हें क्या करना है।

इनका मिला साथ

जेएनयू जैसी यूनिवर्सिटी नहीं तो क्या दीपिका पादुकोण को नागपुर के संघ मुख्यालय जाना चाहिए था? बीजेपी ने हद कर दी है।

पवन खेड़ा, कांग्रेस प्रवक्ता

बीजेपी और आरएसएस को न संविधान में विश्वास है और न ही प्रजातंत्र और जनता में विश्वास है। उनकी लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है, इसलिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है। असहमति के विश्वास को हर स्तर पर दबाने के लिए रणनीति रही है।

भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़ के सीएम)

मोदी जी, भारत की आत्मा को कुचलना बंद करिए। आपके और आपके भक्तों के अनुसार कोई कलाकार विरोध नहीं कर सकता, कोई कलाकार जनहित से जुड़े प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता और किसी भी कलाकार के पास अपना विचार व्यक्त करने का हक नहीं है         

रणदीप सुरजेवाला(मुख्य प्रवक्ता, कांगेस)

आप किसी भी पार्टी को सपॉर्ट करते हों, क्या आप हिंसा को सपॉर्ट करते हैं? क्या खून से सने स्टूडेंट्स और टीचर्स के विजुअल्स देखकर आप हिले नहीं? अब हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। दीपिका का वहां जाना और बाकी लोगों का आवाज उठाना तारीफ के काबिल है। यह चुप रहने का वक्त नहीं है।

सोनाक्षी सिन्हा, अभिनेत्री


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