जैदी फिर भेजे जेल

By: Jan 25th, 2020 12:03 am

गवाह पर दबाव बनाने के आरोप पर सीबीआई अदालत ने रद्द की जमानत

चंडीगढ़  – कोटखाई के बहुचर्चित बिटिया रेप एवं मर्डर केस में आरोपी सूरज सिंह की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में सीबीआई कोर्ट ने शिमला के पुलिस प्रमुख रहे जहूर हैदर जैदी की जमानत रद्द कर उन्हें जेल भेज दिया है। शुक्रवार को सेक्टर-43 स्थित जिला अदालत में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, जहांजज डा. सुशील कुमार गर्ग ने पूर्व आईजी जहूर एच जैदी को बड़ा झटका देते हुए न केवल उनकी जमानत रद्द की, बल्कि उन्हें जेल भी भेज दिया। शिमला पुलिस के आईजी रहे जैदी पर इस मामले में एक गवाह ने धमकाने और उनके पक्ष में गवाही देने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया था। इसके बाद ही सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी के खिलाफ  गत सोमवार को सीबीआई कोर्ट में अर्जी देकर जैदी की जमानत रद्द करने की मांग की थी। इस बारे अपनी दलील देते हुए सीबीआई ने कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा था कि आईजी जहूर जैदी को जब जमानत मिली थी, तब कोर्ट ने शर्त रखी थी कि वह गवाह और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। इसके बावजूद उन्होंने शिमला की पूर्व एसपी और केस की गवाह सौम्या सांबशिवन को परेशान किया और उन्हें फोन कर अपने पक्ष में गवाही देने के लिए धमकाया। सीबीआई ने अर्जी में इस मामले की अहम गवाह सौम्या के बारे में उल्लेख किया था कि किस प्रकार उन पर बयान बदलने के लिए जैदी की ओर से दबाव डाला गया। सीबीआई ने कहा कि जैदी को जमानत इस आधार पर दी गई थी कि वह गवाहों पर किसी प्रकार से दबाव नहीं डालेंगे, लेकिन आरोपी जहूर जैदी ने अदालत द्वारा दी जमानत का दुरुपयोग किया है, इसलिए जैदी की जमानत को खारिज कर उनके खिलाफ  गैर जमानती वारंट जारी किया जाए। इस बारे सीबीआई की ओर से पिछले सोमवार को कोर्ट में अर्जी दी गई थी और शुक्रवार को इस मामले की सुनाई थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई की दलीलों को मानते हुए न्यायाधीशडा. सुशील कुमार ने जहूर जैदी की जमानत रद्द करने का फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद पुलिस ने जैदी को हिरासत में लेकर चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल भेज दिया।  कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को तय की है। ज्ञात रहे की चार जुलाई, 2017 को हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के कोटखाई मेंएक स्कूली छात्रा अचानक लापता हो गई थी। उसकी लाश दो दिन बाद वहां एक जंगल से बरामद हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि उसकी रेप के बाद हत्या की गई थी। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे हिमाचल के साथ साथ देश को भी हिला कर रख दिया था और हिमाचल में इस मामले को लेकर लोगो के विरोध की भड़की आग को लेकर सरकार ने इस मामले की जांच के लिए शिमला पुलिस के आईजी जैदी की अगवाई में पुलिस की एक स्पेशल इन्वेटिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई थे। एसआईटी ने केस को सुलझाने का दावा करते हुए एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को गिरफ्तार किया था, जिनमें नेपाली युवक सूरज भी शामिल था। कोटखाई थाने में 18 जुलाई, 2017 को सूरज की सदिंग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। सीबीआई जांच में सामने आया था कि पुलिस के टॉर्चर से सूरज की मौत हुई थी। मामले में सीबीआई ने आईजी जहूर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी, ठियोग डीएसपी मनोज जोशी, कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, हेड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ  केस दर्ज किया था। इन आरोपियों के खिलाफ  शिमला के सीबीआई कोर्ट में केस चल रहा था, लेकिन वहां इनकी तरफ  से कोई वकील पेश नहीं हुआ, जिस कारण सुप्रीम कोर्ट ने केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। इस मामले को लेकर पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी और डीएसपी मनोज जोशी जमानत पर थे और बाकी सभी आरोपी बुड़ैल जेल में बंद हैं। अब जैदी को भी जमानत रदद् होने के बाद बुड़ैल जेल भेज दिए गया। इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को है।

कोटखाई लॉकअप में मर्डर

 सीबीआई ने अदालत में जमानत की शर्तें तोड़ने का दिया तर्क

 मुख्य गवाह तत्कालीन एसपी को प्रभावित करने का किया था प्रयास

 कोर्ट ने सीबीआई की दलीलों को स्वीकार करते हुए दिया जैदी को झटका

 अब चंडीगढ़ की बुढ़ैल जेल की सलाखों में कटेंगी पूर्व आईजी की रातें


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