डीसी ने सुलझाया खैरियां डंपिंग साइट का विवाद

बिलासपुर-पिछले काफी समय से खैरियां डंपिंग साइट में कूड़े को लेकर चल रहा विवाद सुलझ गया है। अब डंपिंग साइट में न  तो कूड़ा-कचरा जलाया जाएगा और न ही मृत पशुओं को वहां लाया जाएगा। इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का चैक रहेगा। गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करके जहां गीले कूड़े से खाद तैयार की जाएगी तो वहीं, सूखे कूड़े को अलग कर री-साइकिलिंग के लिए भेजा जाएगा। यही नहीं, चांदपुर सहित आसपास क्षेत्र से एक तय शुल्क के तहत लोगों से कूड़ा एकत्रित कर डंपिंग साइट पर लाए जाने की व्यवस्था भी की जाएगी। नियमों की अवहेलना होने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। जिलाधीश राजेश्वर गोयल ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि खैरियां डंपिंग साइट पर कूड़े के विवाद को लेकर शुक्रवार को बामटा, चांदपुर और बल्हबुलाणा पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ ही सहायक आयुक्त, नगर परिषद की कार्यकारी अधिकारी, डीआरडीए के परियोजना अधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें इस विषय पर सभी की राय ली गई और महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। तीनों पंचायतों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया है कि खैरियां में जल्द ही ट्रॉमेल मशीन स्थापित कर दी जाएगी, जिसके लिए बिजली बोर्ड से कनेक्शन को लेकर नगर परिषद की तरफ से प्रक्रिया जारी है। जिलाधीश ने बताया कि कूड़े को गोबिंदसागर झील में डाले जाने की ग्रामीणों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आईपीएच महकमे से रिपोर्ट मांगी गई थी। आईपीएच विभाग ने पानी की सैंपलिंग की है, लेकिन पानी के प्रदूषित होने संबंधी ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है। इसके साथ ही बीमारी फैलने का खतरा संबंधी ग्रामीणों की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट ली गई तो ऐसा कोई प्रमाण सामने नहीं आया, लेकिन फॉगिंग करवाए जाने की जरूरत है, जिसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं, क्योंकि पिछली बार बिलासपुर में डेंगू फैला था। जिलाधीश ने बताया कि डंपिंग साइट को सुरक्षित किया जाएगा। इसके लिए सुरक्षा दीवार लगाई जाएगी, जिसके लिए नगर परिषद के पास बजट का प्रावधान है।