तीन जिलों के खनन पट्टे 25 करोड़ में नीलाम

कांगड़ा, सिरमौर, शिमला के बाद अब मार्च में होगी हमीरपुर-चंबा में ऑक्शन

शिमला-प्रदेश के तीन जिलों में खनन साइट्स की नीलामी से  सरकार ने लगभग 25 करोड़ रुपए की कमाई की है। राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में 12 साइट्स की नीलामी की गई है, तो सिरमौर जिला में 17 साइट्स की नीलामी हो चुकी है। इससे पहले शिमला जिला की चार साइट्स को नीलाम किया गया था।  उद्योग विभाग अब इसके बाद मार्च महीने में चंबा व हमीरपुर जिला में खनन पट्टों की नीलामी करेगा। कांगड़ा जिला में इस बार 12 साइट्स की नीलामी आठ करोड़ रुपए में हुई है। इससे पहले भी यहां पर खनन पट्टों को नीलाम किया जा चुका है। इसके साथ सिरमौर जिला में 17 साइट्स की नीलामी रखी गई थी, जिनके लिए 15.50 करोड़ रुपए में बोली  लगी है। शिमला की चार साइट्स एक करोड़ 80 लाख रुपए में बिकी हैं। बता दें कि अभी तक 187 खनन साइट्स की नीलामी की जा चुकी है, जिससे सरकार को 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई है। फोरेस्ट क्लीयरेंस में कई मामले फंसे हुए हैं, जिनको अनुमति मिलती है तो यहां सरकार को 200 करोड़ रुपए और मिल सकेंगे, क्योंकि अभी तक नीलाम की गई साइट्स पर काम शुरू नहीं हो सका है। ऐसे सबसे अधिक मामले सिरमौर जिला के हैं, जहां पर फोरेस्ट कंजरवेशन एक्ट ज्यादा प्रभावी हो रहा है। ऐसे कुछ दूसरे जिला भी हैं, जहां पर नीलामी के बाद भी खनन साइट पर काम नहीं हो पा रहा है। अब चंबा व हमीरपुर में देखना होगा कि नीलामी में कितनी कमाई सरकार को होगी। चंबा में भी एक दर्जन के करीब साइट्स चिन्हित की गई हैं, वहीं हमीरपुर में भी ऐसी ही संख्या है। इनको मिलाकर नीलाम की जाने वाली खनन साइट्स की कुल संख्या 200 से ऊपर पहुंच जाएगी।  खनन से सरकार को अच्छी खासी आमदनी हो रही है लेकिन फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट की वजह से दिक्कतें भी काफी ज्यादा हैं। सरकार इसे लेकर केंद्र सरकार से भी आग्रह कर चुकी है, मगर कोई समाधान अभी तक नहीं निकला है। इस पर एनजीटी के फैसले भी कड़े हैं जिनसे प्रदेश को राहत नहीं मिल पाई है।