…तो बेला घाटी के किसानों को लगेगी लाखों की चपत
शिलाई –लगातार हो रही बारिश से बेला घाटी के किसानों को अदरक से बनने वाली सोंठ बनाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, यदि आसमान साफ न हुआ और धूप न खिली तो बेला घाटी के किसानों को लाखों की चपत लगेगी, सोंठ के लिए एशिया में प्रसिद्ध बेलावैली के किसान इन दिनों अदरक से सोंठ बनाने का काम करते हैं, यहां के किसानों की यह मुख्य नकदी फसल है। सोंठ बनाने के लिए दो सप्ताह आसमान साफ चाहिए, बारिश होने से मसालों और हर्बल औषधियों में पड़ने वाली सोंठ की चमक खराब हो जाती है, जिससे इसका बाजार भाव गिर जाता है, बेलावैली के प्रगतिशील किसान गुलाब सिंह नोटियाल, हीरा सिंह शर्मा, उत्तम सिंह नेगी, जाति राम नेगी, रत्नसिंह नेगी, कंवर सिंह शर्मा सहित दर्जनों किसानों का कहना है, इन दिनों बेला वैली के 120 गांव के किसान सोंठ बनाने का काम कर रहे हैं। लगातार हो रही बारिश से सोंठ बनाने के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके लिए साफ मौसम और हवा चाहिए, बारिश से सोंठ में काला धब्बा लग रहा है, उनका कहना है कि इन दिनों सोंठ का दढ़ा भाव 300 से 400 रुपए किलो है। बारिश की बजह से लगने वाले काले छींटे से इसका भाव आधा हो जाता है, यदि मौसम का यही मिजाज रहा तो बेली के किसानों को लाखों का नुकसान होगा। उधर इस संबंध में कृषि विभाग शिलाई के विषयबाद विशेषज्ञ रामनाथ ने बताया कि बारिश होना प्रकृति के ऊपर निर्भर करता है, किसान मौसम विशेषज्ञों को सलाह लेकर सोंठ बनाने का कार्य आरंभ करें, जिन लोगों ने काम आरंभ कर दिया है वह अदरक को पानी न लगने दें। हवादार जगह में भंडारण करें।
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