दिल्ली में निजी होटलों में ठहर सकेंगे अफसर

शिमला – प्रदेश सरकार के अधिकारी दिल्ली जाकर हिमाचल भवन व सदन के बजाय प्राइवेट होटलों में ठहर सकेंगे। वहां जाने वाले अफसरों को ठहरने की खासी ज्यादा दिक्कत पेश आती है और सरकारी विश्राम गृहों में उनको कई बार जगह नहीं मिल पाती। दिल्ली में ठहरने की इस परेशानी से निजात दिलाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक प्रस्ताव बनाया है, जिस पर सरकार की मंजूरी मांगी गई है। क्योंकि दिल्ली में ही सभी मंत्रालय हैं और रोजाना वहां किसी न किसी मंत्रालय की बैठक होती रहती है। इसमें यहां से अलग-अलग विभागों के अधिकारी भाग लेने जाते हैं, जिनको वहां पर कमरा भी चाहिए। हिमाचल सरकार के यहां दो विश्राम गृह हैं, जिनमें हिमाचल भवन व हिमाचल सदन हैं, मगर यहां पर राजनेताओं व आला अधिकारियों के लिए भी पूरी जगह पर्याप्त नहीं होती। रोजाना उनके नाम से ही बुकिंग काफी ज्यादा रहती है। विभागों के सचिव स्तर के अधिकारी भी यहां पर बैठकों में हिस्सा लेने के लिए जाते हैं, वहीं कई दफा मुख्यमंत्री का काफिला यहां पहुंचता है। विधायकों की भी बुकिंग रहती है, क्योंकि दिल्ली रजनीति का गढ़ है। ऐसे में यहां उन अधिकारियों  को कमरे नहीं मिल पाते, जो सचिव स्तर से नीचे के हैं, लिहाजा उनको इधर-उधर भटकना पड़ता है। अधिकारियों को यहां पर प्राइवेट होटलों में रहने की अनुमति मिलती है, तो वह अच्छे से मैनेज कर सकते हैं। यहां पर सरकार का सामान्य प्रशासन विभाग ही खुद कुछ प्राइवेट होटलों से रूम रेंट को लेकर बातचीत करेगा और नेगोशियेबल रेट पर वहां पर ठहरने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए सरकार की अनुमति चाहिए, जिसको लेकर एक प्रस्ताव विभाग की तरफ से गया हुआ है। वैसे भी अधिकारियों को टूअर पर जाने के दौरान उनके ठहरने व ट्रैवलिंग की सुविधा दी जाती है, जिनको इसका खर्चा दिया जाता है। अब अगर प्रस्ताव मंजूर होता है तो अधिकारियों को दिल्ली में रहने की दिक्कत नहीं होगी।

दिल्ली में 53 कमरे

हिमाचल भवन दिल्ली में सरकार के 32 कमरे हैं, जबकि यहां पर हिमाचल सदन में 21 कमरे हैं। पर्यटन विकास निगम इसे चलाता है। शेष कमरे कमर्शियल आधार पर पर्यटन विकास निगम ही चलाता है।