नगर निगम के लिए अब शांता का ‘सहारा’

By: Jan 17th, 2020 12:22 am

पालमपुर – पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दिलवाने को लेकर पूर्व सांसद शांता कुमार ‘खेवनहार‘ के रूप में सामने आ सकते हैं। इस मसले पर इनसाफ  संस्था के साथ पालमपुर के प्रबुद्ध लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार को ज्ञापन सौंपा है। शांता कुमार ने इस मसले पर सरकार से बात करने का आश्वासन दिया है। पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दिए जाने का मामला काफी समय से लंबित पड़ा है। कुछ दिन पूर्व इस संदर्भ में शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी की ओर से आए बयान के बाद लग रहा था कि यह घोषणा जल्द हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और पालमपुर की जनता को यह मामला फिर लटकता दिखाई दे रहा है। ऐसे में पूर्व विधायक प्रवीण कुमार की अगवाई में प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व सांसद शांता कुमार को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग दोहराई है। ज्ञापन में कहा गया है कि विस्तारोन्मुख हो रहे पालमपुर को नगर निगम का स्तर प्रदान किया जाना अब समय की बहुत बड़ी मांग बन चुकी है। वर्ष 2012 में जनगणना की अधिसूचना जारी नहीं होती, तो संभवता उस समय ही पालमपुर नगर निगम बन गया होता । उस समय  नगर निगम को लेकर सारी कार्य योजना तैयार कर ली गई थी तथा वार्ड बंदी तक निर्धारित कर ली गई थी। ज्ञापन में कहा गया है कि एक छोर से मारंडा तक, तो दूसरी ओर मैंझा रोड -चिंबलहार से बनूरी तक पालमपुर  एक सूत्र में पिरो चुका है। पालमपुर नगर परिषद एक छोटे से दायरे में सिमटी हुई है, जबकि आसपास के पंचायतों में निरंतर जनसंख्या बढ़ी है, परंतु इन क्षेत्रों में लोगों को सीवरेज, स्ट्रीट लाइट व ड्रेनेज सिस्टम जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। पूर्व में भी शांता कुमार ने पालमपुर को नगर निगम का दर्जा प्रदान किए जाने के संबंध में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पत्र लिखा था, वहीं प्रदेश सरकार से भी इस संबंध में पग उठाने का आग्रह किया था। ज्ञापन में बताया गया कि कुछ समय पूर्व नगर विकास मंत्री सरवीण चौधरी ने भी नगरोटा बगवां में एक कार्यक्रम में पालमपुर को शीघ्र ही नगर निगम का दर्जा प्रदान किए जाने की घोषणा भी कर दी थी, परंतु न जाने क्या कारण है कि पालमपुर को अभी तक नगर निगम घोषित नहीं किया जा सका है। 


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