नियम भी बदले, पर नहीं हुई ताजपोशी

शिमला – प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में चेयरमैन की कुर्सी दो वर्षों से किसी भाजपा नेता के आने का इंतजार कर रही है। हालांकि सरकार ने इस पद पर भाजपा नेता को लाभ देने के लिए नियमों में भी बदलाव किया, लेकिन नेता कुर्सी को ही ताकते रहे। प्रदेश सरकार ने पिछले साल ठीक 19 जनवरी की कैबिनेट मीटिंग में चेयरमैन पद के लिए नियमों में बदलाव भी किया था। प्रदेश की जयराम सरकार ने इसके लिए नियमों की बाधा दूर करते हुए पूर्व सरकार द्वारा तय मापदंड को हटा दिया था। गौरतलब है कि पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिला था कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में चेयरमैन का पद साइंस स्ट्रीम में गे्रजुएट व्यक्ति को ही मिलना चाहिए। हालांकि पूर्व सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को फॉलो किया था, लेकिन उनके कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले गैर बीएससी व्यक्ति को ही कुर्सी दे दी थी। ऐसे में अब प्रदेश की जयराम सरकार ने संगठन के लोगों को कुर्सी दिलाने के लिए नियम में भी बदलाव किया है। सूत्रों के मुताबिक पिछले साल 19 जनवरी को हुई कैबिनेट मीटिंग में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में चेयरमैन पद की नियुक्ति के लिए बीएससी या बीटेक की डिग्री वाली शर्त हटाने का निर्णय लिया था। प्रदेश सरकार ने इस पद के लिए अब पर्यावरण में अनुभव रखने वालों को ही पात्र माना है। यहां तक कि सरकार ने आवदेन भी मांगे थे। इसके तहत अब पर्यावरण में अनुभवी और इस विषय मे डिग्री हासिल को पात्र माना जाएगा।  पिछले साल बोर्ड एवं कुछ एक निगमों में नियुक्तियां की थीं, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हिमाचल पर्यटन विकास निगम में राजनीतिक तोजपोशी नहीं हुई। ऐसे में अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ताजपोशी और मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही संभव बताया जा रहा है।

सत्ती को मिल सकता है जिम्मा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती की विदाई के साथ ही प्रदेश सरकार उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप सकती है। सूत्रों के मुताबिक सत्ती को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में चेयरमैन या बीस सूत्री कार्यक्रम के अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह प्रदेश सरकार चेयरमैन की नियुक्ती कर देगी।