पहली का पाठ नहीं पढ़ पाते कक्षा दो-तीन के छात्र

By: Jan 20th, 2020 12:02 am

 असर संस्था की रिपोर्ट में खुलासा, जिला में 1334 बच्चों पर हुआ सर्वे

शिमला-हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी कक्षा दो व तीन के छात्र पहली कक्षा का पाठ पढ़ने में असफल बताए जा रहे हैं। ऐसे 40 प्रतिशत छात्र ग्रामीण क्षेत्रों में बताए जा रहे हैं। यह खुलासा भारत सरकार की असर रिपोर्ट में हुआ है। असर की यह रिपोर्ट वर्ष 2019 की है। इससे पहले 2018 में असर का यह सर्वे प्रदेश के सभी जिलों में हुआ था, जिसमें दस प्रतिशत छात्र ऐसे थे, जो तीसरी कक्षा तक पहुंच गए थे, लेकिन पहली व दूसरी का पाठ नहीं पढ़  पाते हैं।  वहीं इस बार भारत सरकार ने हिमाचल के एक ही जिले का सर्वे कर यह खुलासा किया है कि अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता है। असर संस्था द्वारा प्रदेश के कांगड़ा जिला में किए गए सर्वे के मुताबिक जिला में चार से आठ आयु वर्ग के 90 प्रतिशत बच्चे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे है। यह छात्र सरकारी व गैर -सरकारी स्कूलों पढ़ाई कर रहे हैं।  संस्था ने जिला कांगड़ा के 60 गांव के 4 से 8 आयु वर्ग के 1334 बच्चों पर यह सर्वे किया है। इस दौरान पाया गया है कि 4 वर्ष के 91.3 प्रतिशत और 8 वर्ष के 99.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं। इसके अलावा 4 साल की उम्र के 97.8 प्रतिशत बच्चे पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में नामांकित है, जबकि 5 साल की उम्र के लिए 80. 4 प्रतिशत बच्चे पूर्व प्राथमिक कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं। इस प्रकार नामांकित बच्चों का कुल आंकड़ा 99.2 प्रतिशत  है। इस दौरान पाया गया कि जिला में लड़के निजी और  अधिकतर लड़कियां सरकारी संस्थानों में इनरोल है। हालांकि उम्र के साथ यह अंतराल बढ़ता जा रहा है। बहरहाल सर्वे के बाद यह चिंता का विषय है कि छात्र शिक्षा से मेहरूम हैं अब सरकार को चाहिए कि ग्रामीण इलाकों के संस्थानों में पढ़ाई की गुणवत्ता पर भी नजर रखी जाए, ताकि बच्चों का भविष्य  संवर सके।

….आंगनबाड़ी के बच्चों  का रहा अच्छा रिस्पांस

आंगनबाडि़यां सरकारी स्कूल में पूर्व प्राथमिक कक्षा में जाने वाले 4 वर्ष के 31 प्रतिशत बच्चे और 5 वर्ष के 60.7 प्रतिशत बच्चे एक से 4 तक का सही पहाड़ा बना पाते है। सर्वे के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि बच्चों को यदि खेल-खेल में सिखाया जाए, तो वह इससे ज्यादा सीख सकते हैं।  किताबी ज्ञान क ा इस दौरान अधिक असर नहीं देखा गया है। इस दौरान इन बच्चों क ी परफोमंस बेहतर पाई गई है। कांगड़ा में कक्षा तीसरी के 70 प्रतिशत बच्चे कक्षा एक स्तर का पाठ पढ़ सकते हैं। कक्षा दूसरी के 70.2 प्रतिशत बच्चे और कक्षा तीन के 70 प्रतिशत बच्चे कक्षा एक स्तर का पाठ पढ़ने में सक्षम है। इसी तरह कक्षा पहली में 41. 1 प्रतिशत बच्चे दो अंको की संख्या को पहचान सकते हैं, जबकि कक्षा तीन में 70. 2 प्रतिशत बच्चे भी ऐसा कर सकते हैं।

 


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