पीएम से सवाल तो दूर, भाषण में हिमाचल का जिक्र ही नहीं

By: Jan 21st, 2020 12:03 am

इस बार भी ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम से मायूस लौटे छात्र, रिजल्ट-स्ट्रीम क्वॉलिटी को लेकर तैयार किए थे सवाल

शिमला – इस बार भी हिमाचल से दिल्ली प्रधानमंत्री मोदी से मिलने गए छात्रों को मायूसी ही हाथ लगी है। वर्ष 2018 की तरह इस साल भी ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में प्रदेश से सिलेक्ट हुए दस छात्रों को प्रधानमंत्री से सवाल करने का मौका नहीं मिल पाया। सुबह 11 बजे चले इस कार्यक्रम को देखने के लिए दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में देश भर के दो हजार छात्रों के साथ हिमाचल के छात्रों को भी जाने का अवसर मिला। इस दौरान सुबह जब हॉल में छात्र जाने लगे तो उनके एक-एक सवाल सिलेक्ट किए गए। ऐसे में हिमाचल से गए छात्रों को काफी उम्मीदें थीं कि इस बार वे प्रधानमंत्री से शिक्षा से जुड़े कई अहम सवाल करेंगे। मगर प्रधानमंत्री के डेढ़ घंटे के भाषण में हिमाचल का नाम तो दूर, यहां से गए छात्रों की टर्न भी नहीं आ पाई। ऐसे में पिछले साल की तरह इस साल भी छात्र निराश ही रहे। हालांकि इन छात्रों ने अपने इस मलाल को थोड़ा कम करने के लिए ये जरूर कहा कि उनके लिए यह अवसर भी बहुत बड़ा है कि वह दिल्ली तक प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में पंहुचे। बता दें कि परीक्षा पर आयोजित चर्चा कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने ये जरूर कहा कि कोई भी इस बात का मलाल न रखें कि उनका नाम नहीं ले पाएं। उन्होंने कहा कि दो हजार छात्रों में जिन छात्रों को मुझसे बात करने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ, वो निराश न हों। समय की कमी होने की वजह से वह सभी बच्चों से बात नहीं कर पाएं, लेकिन आने वाले समय में वह छात्रों से जल्द बात करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को कहा कि वह परीक्षा के दौरान अपने आत्मविश्वास को कम न होने दें। पीएम ने अभिभावकों से अपिल की है कि छात्रों को नई तकनीक से दूर न किया जाए। वहीं छात्रों को भी कहा कि वह खुद को नई तकनीक से केवल एक घंटा दूर रखें, उसके बाद देखें कि आपकी लाइफ में कितना बदलाव होता है। प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के दौरान कहा कि अभिभावक छात्रों पर ज्यादा नंबर लेने का बोझ न डालें। इसके साथ ही परीक्षा के दौरान भी छात्रों को पढ़ने का बार-बार दबाव न डालें। पीएम ने यह भी कहा कि आज की पीढ़ी को नई तकनीक में इतना भी गहरा नहीं जाना है कि वह प्रकृति की खूबसूरती को ही भूल जाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति के बदलते रूप को स्वीकार कर आज के छात्रों को चलना चाहिए। इस तरह से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में मानसिक तनाव से दूर रहने के कई सुझाव प्रधानमंत्री ने दिए। बता दें कि हिमाचल से गए छात्रों के साथ शिमला के जुन्गा स्कूल से महिला शिक्षक सुमन संधु दिल्ली गई थीं।

प्रधानमंत्री से पूछने वाले थे ये सवाल

प्रधानमंत्री से मैं सवाल लेकर गई थी कि कई विषयों को ज्यादा तवज्जों दी जाती है। वहीं इन्हीं विषयों में ही रोजगार के अवसर दिए जाते है, ऐसा क्यों होता है।

-वंशिका 

मेरा सवाल था कि सौ प्रतिशत परीक्षा की तैयारी करने के बाद भी रिजल्ट हमारे अनुरूप नहीं आता है। इससे काफी तनाव हो जाता है, ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए।

– तृप्ता

मेरा सवाल यह रहने वाला था कि शिक्षा अब मुनाफा कमाने मात्र रह गया है। शिक्षा को केवल बिजनेस न समझकर इसकी महत्तर को समझा जाएं, इसके लिए क्या होना चाहिए।

– शिवांश


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