प्रदेश में खुलेंगे नए 500 प्री-प्राइमरी स्कूल

By: Jan 17th, 2020 12:01 am

समग्र शिक्षा विभाग ने जिलों से दस दिन के भीतर मांगी डिटेल, स्कूल खोलने के लिए पैब की बैठक में जाएगा प्रोपोजल

शिमला – हिमाचल प्रदेश में अब पब्लिक च्वाइस पर प्री-प्राइमरी स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों में तीन साल के बाद छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि 500 नए प्री-प्राइमरी स्कूल खोलने की योजना शिक्षा विभाग ने बनाई है। खास बात यह है कि इन स्कूलों को खोलने के लिए मार्च में केंद्र सरकार के साथ होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में लाखों के बजट की अप्रूवल ली जाएगी। हिमाचल समग्र शिक्षा विभाग ने इसके लिए जिलों को आदेश जारी कर दस दिन के अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा है। शिक्षा विभाग ने इस बार फैसला लिया है कि अब प्री-प्राइमरी स्कूल उन्हीं जिलों व स्कूलों में खोले जाएंगे, जहां पर अभिवावक इसकी जरूरत महसूस करते हों। यानी कि अब प्री-प्राइमरी के लिए बेवजह शिक्षा विभाग बजट खर्च नहीं करना चाहता है। बता दें कि अक्तूबर, 2018 में कुछ स्कूलों में कक्षाएं शुरू की गईं। 2019 में 47364 बच्चों ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं में दाखिला लिया है। प्रदेश के 4741 स्कूलों में कक्षाएं चल रही हैं। शिक्षा विभाग का दावा है कि ये बच्चे इस साल पहली कक्षा में दाखिला लेंगे। ऐसे में सरकारी स्कूलों में जारी ड्रॉपआउट रुकेगा। गौर हो कि नर्सरी कक्षा के बच्चों को अभी मिड-डे मील की व्यवस्था के लिए बजट का प्रावधान भी अभी तक नहीं है। दोपहर के भोजन के लिए केंद्र सरकार 90ः10 के अनुपात में राज्य को बजट देती है। यह बजट पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों पर खर्च किया जाता है। अब राज्य सरकार बजट से प्री-प्राइमरी कक्षा के लिए मिड-डे मील देगी। इस प्रस्ताव को भी विभाग जल्द सरकार को भेजेगा। इसके साथ ही प्री-नर्सरी छात्रों के लिए मॉडर्न क्लास रूम भी बनाए जा रहे हैं, एसएसए ने नर्सरी में दाखिला लेने के लिए छात्रों को अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया है। खेल-खेल में ही बच्चे आसानी से सीख पाएं, ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया है। बच्चों को मुफ्त में किताबें दी जाएंगी। कमरों की दीवारों पर चित्रकला होगी व बैठने के लिए डेस्क की व्यवस्था की गई है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिन नए स्कूलों में प्री-प्राइमरी की कक्षाएं शुरू की जाएंगी, वहां पर भी छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के लिए पूरा बजट मुहैया करवाया जाएगा।

चार साल में एक लाख कम हुए छात्र

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार घट रही थी। पिछले चार साल में करीब एक लाख विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में कम हुए। इसके बाद सरकार ने स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के साथ नर्सरी कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया। पहले साल से इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अब नर्सरी कक्षा में बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे आगे की कक्षाओं में भी अधिक दाखिले होंगे।


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