प्रोस्टेट कैंसर पीडि़तों को रोबोटिक सर्जरी वरदान

ऊना-प्रोस्टेट कैंसर से पीडि़त मरीजों के लिए दा विंची रोबोटिक सर्जरी का अविष्कार वरदान साबित हुई है, क्योंकि इससे बहुत छोटा चीरा देना पड़ता है तथा जिस कारण मरीज जलद स्वस्थ्य हो जाते हैं। मरीजों को सर्जरी के बाद चौथे दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। इससे मरीजों को जख्मों का दर्द कम होता है तथा उनके स्वस्थ होने के मौके बढ़ जाते हैं। यह बात फोर्टिस अस्पताल मोहाली के यूरोलॉजी कंस्लटेंट व रोबोटिक सर्जन डा. मनीष आहूजा ने यहां रोबोटिक रेडिकल प्रोस्टाटेकटोमी के बारे बातचीत करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि सर्जिकल रोबोट की खोज से दुनिया में प्रोस्टेट सर्जरी जैसी अन्य सर्जरी में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं। फोर्टिस अस्पताल इस नई टेक्नोलॉजी को उत्तर भारत में पेश करने के अव्वल रहा है। यदि कैंसर का शुरुआती दौर में पता लग जाए तो इसका इलाज करने का अधिक समय मिलता है। प्रोस्टेट कैंसर के मामले में भी यदि शुरुआती दौर में इस का पता लग जाए तो इसका मुकम्मल इलाज किया जा सकता है। कैंसर को मरीज में से या सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है तथा या रेडियेशन द्वारा। सर्जरी द्वारा इलाज इस रोग से तुरंत तथा लंबे समय तक टिकने वाली राहत देता है तथा ज्यादातर लोग इसको पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रोस्टेट क्योंकि शरीर के बहुत अंदर पैलविस नामक कैविटी में स्थित होता है। इसलिए इस तक पहुंचने के लिए पुरानी ओपन सर्जरी में चमड़ी में बहुत बड़ा चीरा लगाना पड़ता है। इसके अलावा इस ग्रंथी को देख सकना बहुत मुश्किल होता था तथा आपरेशन दौरान ज्यादा कम अंदाजे से किया जाता था। दा विंची रोबोटिक सर्जिकल उपकरण से, प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी पहले से बहुत ज्यादा उत्तम तथा सुरक्षित हो गई है। चमड़ी में बहुत छोटे, डेढ़-दो सेंटीमीटर के चीरे देने पड़ते हैं। इससे दर्द बहुत कम होता है तथा मरीज जल्द स्वस्थ हो जाता है। फोर्टिस अस्पताल मोहाली में यह सर्जरी 2017 में शुरू की गई थी। अब तक फोर्टिस अस्पताल में 150 से ज्यादा सर्जरी रोबोट द्वारा की गई हैं, जबकि प्रोस्टेट कैंसर के मामले में 15 मरीजों पर यह सर्जरी की गई है, जिसके बेहतरीन परिणाम मिले हैं। इनमें से कुछ मरीजों को गंभीर समस्याएं थी, पर यह सर्जरी के बाद बहुत बढि़या महसूस कर रहे हैं। ऐसे दो मरीजों ने अपने अनुभव भी बताए। पहले मरीज भूपिंद्र सिंह की उम्र 67 वर्ष की है। वह जब अस्पताल आए तो उनका कैंसर शुरुआती स्तर पर था। इसलिए उनको रोबोटिक सर्जरी करवाने की सलाह दी गई, जो उन्होंने मान ली। उन्होंने यह आपरेशन इस वर्ष जून माह में करवाया था वह पूरी तरह सफल रही। इस सर्जरी के बाद उनको चौथे दिन ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी तथा कैंसर के शरीर में पूरी तरह खत्म कर दिया गया था। वह अब अच्छा महसूस कर रहे हैं तथा मुकम्मल रिकवरी के रास्ते पर हैं। एक अन्य मरीज ओंकार सिंह 68 वर्ष के हैं। उन्होंने कोई छोटा-मोटा रोग समझकर किसी अन्य अस्पताल में ट्रांसयूरेथल रीसेक्शन आफ प्रोस्टेट (टीयूआरपी) करवाया था पर जब उनको प्रोस्टेट कैंसर का पता लगा ते उनको हमारे पास भेजा गया। उनको भी यह कैंसर शुरुआती दौर में था। एक आपरेशन के बाद दूसरा करना सर्जन के लिए चुनौती भरा काम होता है। पर इस सर्जरी को रोबोट की मदद से बहुत कम खून बहने से अंजाम दिया गया। उनको सर्जरी के चौथे दिन छुट्टी दे दी गई थी।