फ्लैग डे फंड में कमी से अटकी, सैनिको ं के बच्चों की पढ़ाई

By: Jan 20th, 2020 12:02 am

 फाइनांशियल असिस्टेंस में सामने आया मामला; डायरेक्टर ने विभाग से मांगा जवाब, हिमाचल सहित अन्य राज्यों में भी स्थिति एक जैसी होने की बात आई सामने

हमीरपुर-हिमाचल प्रदेश में रूकी सैनिकों के हजारों बच्चों की एजुकेशन फाइनांशियल असिस्टेंस में फ्लैग-डे फंड की कमी की बात सामने आई है। फौजियों के बच्चों के लिए चलाई जा रही इस योजना को फंडिंग फ्लैग डे फंड से की जाती है। ऐसे में क्यास लगाए जा रहे हैं कि फ्लैग डे फंड में पर्याप्त पैसा एकत्रित नहीं हो पाया है। शायद, इसी वजह से फाइनांशियल असिस्टेंस दो महीने से रूकी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार हिमाचल ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी हालात ऐसे ही हैं। फौजियों के बच्चों को फाइनांशियल असिस्टेंस जारी नहीं की जा रही। वहीं मामला ध्यान में आने के उपरांत डायरेक्टर सैनिक वेल्फेयर बोर्ड हिमाचल प्रदेश हरिकेश मीणा ने विभागीय कर्मचारियों से जवाब मांगा। डायरेक्टर के निर्देशानुसार विभागीय कर्मचारियों ने सारी वास्तविक स्थिति से उन्हें अवगत करवाया। बताया गया कि फ्लैग डे फंड से केंद्रीय सैनिक बोर्ड फौजियों के बच्चों को फाइनांशियल एजुकेशन असिस्टेंस जारी करता है। दो साल से इसे जारी नहीं किया गया है। योजना केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से संचालित है, तो समस्या का समाधान भी केएसबी के माध्यम से ही होगा। बता दें कि हिमाचली फौजियों के हजारों बच्चों की शिक्षा वित्तीय सहायता केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने रोक दी है। दो साल से योजना के तहत पैसा रिलीज नहीं किया गया। ऐसे हिमाचल प्रदेश के फौजियों के 4588 बच्चों को पढ़ाई के लिए मिलने वाली शिक्षा आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है। 27 अक्तूबर 2017 के बाद से योजना का पैसा नहीं डाला गया। हवलदार रैंक तक के फौजियों के बच्चों को जमा दो तक  की पढ़ाई के लिए हर माह एक हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान केंद्रीय सैनिक बोर्ड की तरफ से है। वित्तीय सहायता पर रोक लगने के उपरांत बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्च फौजियों को अपनी जेब से वहन करना पड़ा रहा है। योजना के तहत सालाना 12 हजार रुपए एकमुश्त केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से दिए जाते रहे हैं। केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से हलवदार रैंक तक के फौजियों के बच्चों को पढ़ाई के लिए शिक्षा वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। दो बच्चों तक को हर माह एक हजार रुपए पढ़ाई के लिए दिए जाते हैं। यह राशि एक साल बाद इकट्टी रिलीज कर दी जाती है, यानि सालाना 12 हजार रुपए एक बच्चे पर दिया जाता है। यह राशि इसलिए दी जाती है ताकि फौजी अपने बच्चों की पढ़ाई सही से करवा सकें। हर साल केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से समय पर रिलीज होने वाली यह राशि दो साल से रूकी हुई है। 27 अक्तूबर 2017 के बाद इस योजना के तहत केंद्रीय सैनिक बोर्ड ने पैसा जारी नहीं किया। इस कारण फाइनांशियल असिस्टेंट से फौजियों के बच्चे दो साल से वंचित हैं। वर्ष 2018-19 के सत्र में 2188 फौजियों के बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की गई, वहीं वर्ष 2019-20 में यहां आंकड़ा 2400 तक पहुंच गया है।

 


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